मऊगंज में हुई हत्या का सबसे बड़ा दोषी कौन लोकतंत्र या राजतंत्र
राजेश सोनी रीवा मऊगंज हत्याकांड में किसी एक वर्ग विशेष का नुकसान नहीं है क्या आज के लोकतंत्र में किसी की जान लेना महेश एक खेल बन गया या फिर कहीं ना कहीं हमारा लोकतंत्र न्याय पालिका शासन प्रशासन की कमी है सवाल यह है कि क्या निम्न जाति का होना गुनाह है चार वर्णों को बनाया गया जिससे समाज में संबंध में स्थापित रहे हर वर्ग का अपना काम है वह काम करता रहे लेकिन राजतंत्र में एक बार अगर ऐसा होता तो शायद यह कहा जा सकता था कि यह अन्याय राजाओं ने किया क्योंकि उनका शासन काल था यह होना जायज था लेकिन ऐसा नहीं है राजतंत्र में भी लोगों को न्याय मिलता था हर वर्ग अपना कार्य करता था अब जबकि हमारा देश लोकतंत्र से चलता है और इसमें सभी को सम्मान अधिकार दिए गए हैं इसे किसी भी व्यक्ति का कोई भी अधिकार का हनन करने का अधिकार किसी को नहीं दिया जाता है चाहे वह किसी भी वर्ण से आता हो लेकिन उसके अधिकारों का रक्षा उसे उसके अधिकार का हक दिलाने के लिए लोकतंत्र न्यायपालिका मौजूद है मऊगंज में हुई हत्या पर कौल समाज के युवक की मौत पर उनके परियों का गुस्सा जायज था लेकिन प्रशासन को उसके मौत की छानबीन कर दोषियों को सजा दिलाना बनता था कहां पर ऐसी कमी रह गई प्रशासन ने ऐसी कौन सी चौक की इससे यह घटना बड़ी हो गई उसकी जो भी लोग हैं उनके कार्रवाई की जाएगी प्रशासन का ऐसा कहना है लेकिन इस मुद्दे को लेकर जिस तरह की घटना मऊगंज में घातक घटित हुई गढ़वा गांव में जिसमें एक सी और तहसीलदार थानेदार के ऊपर हमला हुआ जिसमें एक ऐसा ही की मृत्यु हो गई यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था इसी घटना को लेकर हाल ही में क्षत्रिय ब्राह्मण समाज ने मिलकर आक्रोश व्यक्त किया समाज में अगर न्याय चाहिए तो न्याय के लिए गुहार लगाना चाहिए लेकिन समाजवाद यह समाज के लिए बड़ा खतरनाक है। बड़ी कार्यवाही कब दोषी यो को सजा कब यह देखना बाकी है गडरा में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 14 आरोपी कोर्ट में पेश 7 पुलिस अभिरक्षा में हैं।