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बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर प्रखंड अंतर्गत सकरबासा पंचायत में केन्द्रीय रेशम बोर्ड अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया गया है।


बेगूसराय जिले में क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान स्टेशन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार का कार्यालय स्थापित करने के लिए केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार का क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान स्टेशन कार्यालय, चेरियाबरियारपुर के सकरबासा गांव में होगा स्थापित 50 एकड़ की भूमि उपलब्ध करा दी गई है। भूमि का चयन मंझौल अनुमंडल अंतर्गत चेरियाबरियारपुर अंचल के सकरबासा मौजा में 50 एकड़ गैर मजरूआ खास की जमीन उपलब्ध करायी गई है।


बतातें चलें कि निदेशक, हस्तकरघा एवं रेशम बिहार, पटना द्वारा बेगूसराय जिले में क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान स्टेशन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार का कार्यालय स्थापित करने हेतु 50 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। जिसके आलोक में जिला पदाधिकारी के निर्देश पर महाप्रबंधयक, जिला उद्योग केन्द्र बेगूसराय द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी मंझौल से क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान स्टेशन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार का कार्यालय हेतु भूमि चयन करने हेतु पत्र दिया गया ।अनुमंडल पदाधिकारी, मंझौल द्वारा अंचल अधिकारी चेरियाबरियारपुर से 50 एकड़ उपर्युक्त भूमि का चयन करने संबंधित प्रस्ताव भेजा गया।

अंचल अधिकारी चेरियाबरियारपुर द्वारा राजस्व कर्मचारी एवं अमीन के साथ उपलब्ध कराये गये डिजिटल नक्शा के अनुसार जमीन का चयन किया गया। चिन्हित जमीन चेरियाबरियारपुर अंचल के मौजा- सकरबासा, थाना नंबर-96, खासा नंबर-180, खेसरा नंबर 2436 एवं रकवा 49.09 एकड़, भूमि का किस्त गैर मजरूआ खास झील जमीन का चयन कर प्रस्ताव भेजा गया। जिसके उत्तर में खेसरा नंबर-2436, 2473, दक्षिण में खेसरा नंबर-2430, 2428, पूरब में खेसरा नंबर-2344, 2345, 2378 एवं पश्चिम में सीमान बसही है। चिन्हित जमीन पर किसी खास व्यक्ति/समुदाय को कोई आपत्ति नहीं है प्रस्तावित भूमि भू-दान, भूहदबंदी, मंदिर, मस्जिद, कब्रिस्तान से मुक्त है तथा कोई भी वाद न्यायालय में विचाराधीन नहीं है।
अंचल अधिकारी, चेरियाबरियारपुर द्वारा भेजे गये प्रस्ताव मे बताया गया कि जमीन परती है, जिस पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कृषि का कार्य किया जा रहा है। भूमि सरकारी एवं क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान स्टेशन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार का कार्यालय हेतु उपयुक्त है।

अंचल अधिकारी, चेरियाबरियारपुर द्वारा उपलब्ध कराये गये जमीन में भूमि का किस्त गैर मजरूआ खास झील अंकित था, जिस पर जिला पदाधिकारी द्वारा जल निकाय, उत्सर्जन या प्रवाह के रूप में प्रविष्टि के मामले में विभागीय पत्रांक 6खा0म0नीति-02/2009-217(6)/रा0/दिनांक 24.02.2010 के आलोक में स्थल जाँच हेतु चार सदस्यीय समिति का गठन कर जाँच का आदेश दिया गया। जाँच टीम में अपर समाहर्ता, बेगूसराय, अनुमंडल पदाधिकारी मंझौल, कार्यपालक अभियंता, जल संसाधन विभाग, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, बेगूसराय एवं अंचल अधिकारी, चेरियाबरियारपुर को शामिल किया गया।

चार सदस्यीय टीम द्वारा जमीन का स्थालीय जाँच किया गया। जिसमें यह पाया गया कि उपर्युक्त जमीन समतल है एवं उंचा है। चिन्हित जमीन पर वर्तमान में गेहूँ का फसल लगा हुआ है एवं प्रस्तावित भूमि वर्तमान में जल स्रोत से आच्छादित नहीं है। जाँच टीम ने पाया गया कि जमीन उंचा रहने के कारण यहां भविष्य में भी जल स्रोत की संभावना नहीं है।

जिला पदाधिकारी ने आयुक्त, मुंगेर प्रमंडल, मुंगेर से बेगूसराय जिले में क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान स्टेशन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार का कार्यालय स्थापित करने हेतु चयनित भूमि के निःशुल्क अन्तर्विभागीय हस्तांतरण हेतु मंत्रिपरिषद से अनुमोदन हेतु पत्र लिखा है।

जिला पदाधिकारी द्वारा भेजे गये पत्र में बताया गया है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार पटना के संकल्प संख्या 359(6)/रा0, दिनांक 19.05.2014 के यथावर्णित कंडिका-’ग’ में उल्लेखित है कि पाँच एकड़ से अधिक सरकारी/गैर मजरूआ आम भूमि का अन्तर्विभागीय निःशुल्क हस्तांतरण मंत्रिपरिषद् के अनुमोदन से होना है।

जिला पदाधिकारी द्वारा क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान स्टेशन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार का कार्यालय स्थापित करने हेतु उद्योग विभाग अंतर्गत हस्तकरघा एवं रेशम निदेशालय, बिहार पटना को निःशुल्क अन्तर्विभागीय हस्तांतरण की अनुशंसा कर दी गई है।

जिला पदाधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान स्टेशन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार का कार्यालय बेगूसराय जिला में खुलने से स्थानीय लोगों को रोजगार, आय, और सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।
रेशम उत्पादन एक ग्रामीण और रोजगार-उन्मुख उद्यम है, जो स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। रेशम उत्पादन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लोगों की आय में वृद्धि होगी। क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान स्टेशन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रेशम उत्पादन में कौशल विकसित करने में मदद मिलेगी। अनुसंधान स्टेशन रेशम उत्पादन में सुधार के लिए अनुसंधान और विकास कार्य करेगा, जिससे रेशम उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में वृद्धि होगी।
बेगूसराय जिले में अब मक्का अनुसंधान केन्द्र के साथ साथ क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान स्टेशन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार का कार्यालय स्थापित करने की कवायद को लेकर जिले के लोगों में खुशी की बात है। दोनों अनुसंधान केन्द्र बेगूसराय जिलावासियों के लिए रोजगार के साथ साथ जिला के प्रगति में नया आयाम लिखेंगे।
चेरिया बरियारपुर से अरुण साह कि रिपोर्ट।9955835320

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