
छिंदवाड़ा जिले में खेतों में नरवाई जलाने पर प्रतिबंध,कलेक्टर श्री सिंह ने जारी किया आदेश
कंबाइंड हार्वेस्टर में स्ट्रॅा मैनेजमेंट सिस्टम अनिवार्य, उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई
जिले में फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शीलेन्द्र सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 के तहत आदेश जारी करते हुए जिले की समस्त राजस्व सीमा में गेहूं, चना, मसूर और कपास जैसी फसलों के डंठलों (नरवाई) में आग लगाने पर सख्त रोक लगा दी है। आदेश के अनुसार, जिले में चलने वाले सभी कंबाइंड हार्वेस्टर में स्ट्रॅा रीपर या स्ट्रॅा मैनेजमेंट सिस्टम का होना अनिवार्य किया गया है ताकि फसल अवशेषों को जलाने के बजाय उन्हें उपयोगी रूप में संग्रहित किया जा सके।
आदेश में उल्लेख किया गया है कि नरवाई जलाने की घटनाओं में वृद्धि के कारण पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इससे हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है और मिट्टी में पाए जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु नष्ट हो जाते हैं, जिससे खेत की उर्वरक क्षमता प्रभावित होती है। इसके अलावा, नरवाई में आग लगने से कई बार अग्निकांड जैसी घटनाएं होती हैं, जिससे जनहानि और संपत्ति को नुकसान पहुंचने की आशंका भी बनी रहती है।
कलेक्टर श्री सिंह ने आदेश में स्पष्ट किया है कि नरवाई जलाने की रोकथाम के लिए जिला परिवहन अधिकारी एवं सहायक कृषि अभियांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे जिले में संचालित सभी कंबाइंड हार्वेस्टर की सतत निगरानी करें। यदि कोई हार्वेस्टर बिना स्ट्रा रीपर या स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के चलता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
आदेश के प्रचार-प्रसार के लिए जनसंपर्क विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए इस आदेश की जानकारी आम जनता तक पहुंचाए। साथ ही, जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, सभी तहसील कार्यालय, थाना प्रभारी कार्यालय तथा नगर निकाय कार्यालयों के सूचना पटल पर इस आदेश को प्रदर्शित किया जाएगा।
कलेक्टर श्री सिंह ने जनता से अपील की है कि वे इस आदेश का पालन करें, जिससे जिले में होने वाली आगजनी की घटनाओं को रोका जा सके और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। आदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश 21 मार्च 2025 से प्रभावी होगा और आगामी आदेश तक लागू रहेगा।