
ठाणे मुंबई संवाददाता: अरविंद कोठारी , ठाणे. संसद नई दिल्ली 2014 मे फेरीवाला उपजीविका कानून पारित होने के बाबजूद ठाणे
ठाणे मुंबई संवाददाता: अरविंद कोठारी , ठाणे. संसद नई दिल्ली 2014 मे फेरीवाला उपजीविका कानून पारित होने के बाबजूद ठाणे महानगर पालिका द्वारा आजतक दिवा प्रभाग समिति में कोई भी फेरीवालों सर्वे नहीं हुआ। न कोई फेरीवालों के लिए हॉकर्स झोन बनाया गया ।दिवा प्रभाग समिति बनकर भी 7 साल हो गया ।पर फेरीवालों पे अन्याय होना बंद नहीं किया । ।धड़ाकेबाज युवा प्रतिष्ठान के महाराष्ट्र राज्य संस्थापक अध्यक्ष श्री अमोल धनराज केंद्रे ,सरचिटणीस सौ अश्विनी अमोल केंद्रे ,कार्याध्यक्ष श्री अभय लाल दुबे दीपक भालेराव,राजू गुप्ता,अंतर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दिवा अध्यक्ष अरविंद कोठारी ,अनिल मौर्या,नितीन आवाडे,सुरेखा तोरणे,सरला गायकर,और सैकड़ों फेरीवाले मौजूद थे।फेरीवालों को हाथ गाड़ी रस्ते पे तोड़ दी जाती है ।तो कही बार फेरीवालों की हाथ गाड़ी पकड़ के प्रभाग ले जाई जाती है । वहां फेरीवालों से 1500 सौ से 2000 रुपये मांगे जाते है। न देने पे हाथ गाड़ी तोड़ने की धमकी टीएमसी के अतिक्रमण विभाग के कुछ लोग और उनका रखा गया रोहित ओझा द्वारा किया जाता है ।जबकि ठाणे महानगर पालिका के 900 रुपया जुर्माना भरकर हाथ गाड़ी वापस करने का नियम तय किया हुआ है ।पिछले 6 महीने से फेरीवालो से शीवा और रोहित ओझा यह कहते आ रहे है ।कि दिन का 50 रुपया यानि महीना का 1500 पर हाथ गाड़ी का महीना हफ्ता दो तो उनकी हाथ गाड़ी पे किसी भी प्रकार की कारवाही नहीं होगी।वरना उनको धंधा नहीं करने दिया जाएगा । वहीं
२)सन २०१६ में ठाणे महानगर पालिका क्षेत्र में सर्वेक्षण हुआ।
३) २२ जुलाई २०१९ को प्रभाग समिति निहाय सर्वेक्षण करने का फैसला हुआ।फिर दीवा प्रभाग समिति ने आखिर क्यों नहीं किया।
४) दिवा प्रभाग समिति में २८ अगस्त से ३१ अगस्त को फेरीवालों का सर्वे आखिर क्यों नहीं किया।
४)३१ दिसंबर फेरीवाले उपजीविका कायदे से सर्वेक्षण आखिर दीवा प्रभाग समिति ने क्यों नहीं किया।
५)) ठाणे महानगर पालिका ने आदेश देकर भी दीवा प्रभाग समिति ने ६ दिसम्बर २०२४ रस्तों का सर्वेक्षण फेरीवाला समिति सदस्य कार्यकारिणी क्यों नहीं की।
६)आखिर दीवा प्रभाग समिति क्या चाहती है।क्यों फेरीवालों के साथ अन्याय हो रहा है।
७) दीवा में ३ हजार से अधिक फेरीवाले है इनसे ५० रुपए लेने वाला कोण है।माफिया राज बंद करो।
८)हफ्ता वसूली बंद करो फेरी वालों को जगह दो।
९)फेरीवालों का सर्वे न होना उन्हें जगह न मिलना इसके पीछे कोण है।
१०)एक दिन का ३०००x५० = १५००००
महीने का ४५ लाख
१ )ये बंद होगा तभी फेरीवालों को जगह मिलेगी रस्ते फेरीवाले मुक्त होगे।आम इंसान को न्याय मिलेगा।
१२)दीवा प्रभाग समिति भी कम नहीं है।प्रति दिन ३० रूपये कही २० रुपए।लेती है।
३० के हिसाब से।
३०× ३०००=९०००० नब्बे हजार एक दिन का
एक महीने का २७ लाख
एक साल का ३ कोटि २४ लाख
पांच साल का १६ कोटि बीस लाख
यही वजह है जो दीवा के फेरीवालों का सर्वे नहीं होता।उन्हें जगह नहीं मिलती।आखिर फेरीवालों को जगह मिली तो नुकसान इनका होता है फिर जगह कैसे मिलेगी।फेरीवाले कैसे हटेंगे।इसका जवाब किसके पास है।