
दु:खद (हत्या या आत्महत्या?)आठ दिन बाद मिली लापता HPPCL के चीफ़ इंजीनियर विमल नेगी का शव भाखड़ा बाँध से हुआ बरामद.. कैसे क्यों हुआ ऐसा क्या रहा कारण
हिमाचल प्रदेश जिला बिलासपुर काफी दिनों से गायब रहस्यमय तरीके से चीफ इंजीनियर विभाग बिजली में
पिछले आठ दिनों से लापता चल रहे हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी का शव भाखड़ा डैम के पास बरामद हुआ है। बिलासपुर जिले के शाहतलाई क्षेत्र में धनीपाखर के पास यह शव मिला जिससे इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है। शव के पास से एक पहचान पत्र भी मिला। इस पहचान पत्र के जरिये शव की शिनाख्त की गई।
विमल नेगी हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड में चीफ इंजीनियर थे और वर्तमान में डेपुटेशन पर हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) एचपीपीसीएल में जीएम के पद पर राजधानी शिमला में तैनात थे।
विमल नेगी किन्नौर जिले के रहने वाले थे। वह बीते 10 मार्च को अचानक शिमला से लापता हो गए थे। पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। इस दौरान पुलिस को एक टैक्सी ड्राइवर ने जानकारी दी कि नेगी ने शिमला से घुमारवीं जाने के लिए टैक्सी बुक की थी। शिमला के ओल्ड बस स्टैंड पर उन्हें आखिरी बार सीसीटीवी कैमरे में देखा गया था। टैक्सी ड्राइवर के मुताबिक उसने विमल नेगी को घुमारवीं में उतारा था। इसके बाद वे भराड़ी-जाहू रोड की ओर जाते देखे गए थे। लेकिन इसके बाद उनका कोई सुराग नहीं मिला था।
मानसिक तनाव में थे नेगी, पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप
विमल नेगी की पत्नी ने पुलिस को बताया था कि वे काफी समय से मानसिक तनाव में थे। उन्होंने दावा किया कि उनके पति को उच्च अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था जिससे वे बेहद परेशान थे। आरोप है कि उन्हें बार-बार दुर्व्यवहार और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद उन्हें मेडिकल लीव नहीं दी जा रही थी।
विमल नेगी के लापता होने के बाद उनके पैतृक गांव कटगांव में स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर आए और एचपीपीसीएल के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। परिजनों और ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द मामले की जांच की मांग की थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पुलिस को निष्पक्ष जांच के आदेश दिए थे। वहीं परिजनों ने नेगी की खोज में मदद के लिए एक लाख रुपए के इनाम की घोषणा भी की थी। इसके अलावा राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने भी मुख्यमंत्री से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।