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एक बार फिर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कारी शफीकुर रहमान को पगड़ी पहनाकर शहर काजी नियुक्त किया

मेरठ,मस्जिद अल्लाह दिया भूमिया का पुल मेरठ शहर में नए शहर काज़ी कारी शफीकुर्रहमान क़ासमी का सर्व मुस्लिम समाज की जानिब से स्वागत किया गया इस मौके पर तमाम बिरादरी के लोग मौजूद थे! इस मौक़े पर नेता नसीम ने कहा कि ऐसा काज़ी कबूल नहीं जो ना नमाज़ पढ़ा सकता हो और ना ही किसी दीनी, शरई मसलों में मुसलमानों की रहनुमाई कर सकता है इस लिए हम 42 सालों से लगातार शहर में ईदगाह और जामा मस्जिद मेरठ तकरीर कर रहे और खिदमत अंजाम दे रहे कारी शफीकुर्रहमान क़ासमी साहब का पूर्ण समर्थन करते हैं जो हाफ़िज़ आलिम और कारी होने के साथ साथ तजुर्बेकार मुकर्ऱिर हैं जो बेबाकी के साथ अपनी कौम का पक्ष रखते हैं
पगड़ी बांधने में मुख्य रूप से हाजी दिलशाद, पूर्व मंत्री शकील भारती, समीर सिद्दिकी, हाजी सबीलु मेवाती, बिलाल एचएडी, नेता मंजूर, हाजी अज़ीज़, मोहल्ला मस्जिद के इमाम कारी रिजवान, कासिम अंसारी, इस्लाम अंसारी, हाजी रशीद अंसारी, डॉ गय्यूर अली, सैय्यद तमीम, आदि शामिल रहे, क़ारी शफीकुर्रहमान क़ासमी ने कहा कि चंद लोग हैं जो उस बच्चे का ग़लत इस्तेमाल करने के लिए जानते बूझते फंसा रहे हैं, खबरदार सुन लें ना अह्ल को कतई कबूल नहीं किया जाएगा. मेरठ में अह्ल आदमी चलेगा चाहे वह कोई भी हो आलिम और हाफ़िज़ होना चाहिए क़ौम की क़यादत करने वाला हो अगर मुझ से इख्तिलाफ है तो शहर के किसी दूसरे आलिम को लाओ अगर उस में क़यादत की सलाहियत हुई तो में खुद पगड़ी बाँध दूँगा

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