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डूंगरपुर : आचार्य संघ का हुआ मंगल प्रवेश, तप आत्म शुद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है: निपुणरत्न सूरी

डूंगरपुर। आचार्य श्री निपुणरत्नसूरीजी महाराजसाहब ने कहा कि तप ही एक मात्र साधन है, जोकि हमारी आत्मा की शुद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है औरउसमे भी वर्षीतप की महत्ता अपनी अलग ही है जोकि आगामी छे गाऊ भाव यात्रा के साथ प्रारंभ होती है। साथ ही पिछले वर्ष के वर्षीतप का उद्यापन अक्षय तृतीया पर होताहै।

आचार्य श्री ने यह बात शुक्रवार को डूंगरपुर मंगलप्रवेश के पश्चात ओटा स्थित श्री नेमिनाथ मंदिर में धर्म प्रेमियों को सम्बोधितकरते हुए कहे। उन्होने कहा कि वर्तमान में मनुष्य कर्म करना नहीं चाहता और अपने हरसुख की चाहत रखता है और यही उसके दु:खों का कारण है। उन्होने कहा कि तप से न केवलआत्मा में शुद्धता के भाव अकुंरित होते है अपितु हमारी हर प्रकार के अभाव अभियोगोको सहजता से सहन करने की शक्ति भी बढती है। आचार्य श्री के मंगल प्रवेश के बाददेवदर्शन तथा मांगलिक सुनाया। आचार्य आदि ठाणा-3 का शनिवार को आजाद नगरजैन सोसायटी स्थित संभवनाथ उपाश्रय में प्रवेश होगा तथा वहां पर भी दर्शन वंदन केसाथ-साथ व्याख्यान होगा। इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर संघ के प्रतिनिधि उपस्थितथे। व्याख्यान के पश्चात पोरवाड संघ के अध्यक्ष हेमेन्द्र मेहता द्वारा प्रभावनावितरित की गई।

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