
पावर जनरेटिंग कंपनी में 18.74 लाख का घोटाला:तीन गुना महंगी बैटरी खरीदी; रीवा EOW ने अफसर सहित 5 पर FIR दर्ज की
रीवा की टोन्स जल विद्युत परियोजना में बैटरी खरीदी में हुए भ्रष्टाचार के मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने पांच आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
जांच में सामने आया कि एक्साइड कंपनी की बैटरियों को बाजार दर से तीन गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया, जिससे 18.74 लाख रुपए का गबन हुआ।
7,325 की बैटरी 24,415 में खरीदी दरअसल, मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, टोन्स जल विद्युत परियोजना, रीवा में 110 बैटरियों की खरीदी के लिए निविदा आमंत्रित की थी। एकल निविदा मिलने के बावजूद इसे स्वीकार कर लिया गया और साठगांठ के जरिए बैटरियों को बाजार दर से तीन गुना महंगे दाम पर खरीदा गया।
EOW की जांच में सामने आया कि खरीदी गई बैटरियों की वास्तविक कीमत 7,325 रुपए प्रति बैटरी थी, लेकिन इन्हें 24,415 रुपए प्रति बैटरी की दर से खरीदा गया। इस तरह कुल 18 लाख 74 हजार 495 रुपए का गबन किया गया।
जांच में सामने आया कि एक्साइड कंपनी की बैटरियों को तीन गुना कीमत पर खरीदा गया।
जांच में सामने आया कि एक्साइड कंपनी की बैटरियों को तीन गुना कीमत पर खरीदा गया।
इन पर हुई कार्रवाई मामले में तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य अभियंता जवाहर लाल दीक्षित, कार्यपालन अभियंता इन्द्रिय दमन कौशिक, सहायक यंत्री नितिन मिश्रा, गौरव मोदी (प्रोपराइटर अशोक इलेक्ट्रिकल्स एंड हार्डवेयर, कोरबा) समेत 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (आपराधिक विश्वासघात), 120B (साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(A), 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। EOW सूत्रों के अनुसार, अभी और भी खुलासे होने की संभावना है।