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नारी: स्नेह की मूरत, साहस की सूरत! अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर इंदु शर्मा का संदेश—भारतीय नारी के संघर्ष और सफलता की गाथा

भारत की नारी शक्ति का इतिहास गौरवशाली रहा है। माँ सीता की सहनशीलता, रानी लक्ष्मीबाई की वीरता, कल्पना चावला की उड़ान और किरण बेदी की दृढ़ता—हर युग में भारतीय महिलाओं ने यह सिद्ध किया है कि वे केवल घर तक सीमित नहीं, बल्कि समाज, देश और दुनिया को नई दिशा देने में सक्षम हैं। आज महिलाएँ घर की धुरी भी हैं और देश के विकास की भागीदार भी।

घर की धुरी: भारतीय हाउसवाइफ का योगदान

भारतीय समाज में हाउसवाइफ को अक्सर सिर्फ़ ‘गृहिणी’ समझकर उनके कार्यों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन सच्चाई यह है कि वे परिवार की सबसे मजबूत नींव होती हैं। एक महिला घर चलाने के साथ-साथ परिवार को सामाजिक और नैतिक मूल्यों से भी जोड़ती है। घर के बजट से लेकर बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, और भविष्य की योजनाओं तक—हर जिम्मेदारी को वह बखूबी निभाती है। लेकिन अक्सर उनके इस योगदान को आर्थिक मूल्य नहीं दिया जाता, जबकि उनका श्रम किसी भी पेशेवर नौकरी से कम नहीं होता।

आर्थिक स्वावलंबन की ओर कदम

आज भारतीय महिलाएँ पारंपरिक भूमिकाओं से बाहर निकलकर आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रही हैं। वे स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से छोटे-बड़े व्यवसाय चला रही हैं। उत्तराखंड और हिमाचल की महिलाएँ जैविक खेती और मधुमक्खी पालन में आगे हैं, तो महाराष्ट्र और कर्नाटक की महिलाएँ कपड़ा उद्योग और हथकरघा को बढ़ावा दे रही हैं।

ई-कॉमर्स और डिजिटल युग में महिलाएँ स्मॉल बिजनेस और स्टार्टअप शुरू कर रही हैं। फाल्गुनी नायर (Nykaa की संस्थापक) और रितु कुमार (प्रसिद्ध फैशन डिज़ाइनर) जैसी महिलाएँ दूसरों के लिए प्रेरणा बन रही हैं।

शिक्षा और प्रशासन में भारतीय बेटियों की उड़ान

भारत की महिलाएँ शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। गाँवों और छोटे शहरों की लड़कियाँ अब IAS, IPS और इंजीनियरिंग-डॉक्टरी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल कर रही हैं। टीना डाबी, अंजलि बिरला और कन्नन गोपीनाथन जैसी महिलाओं ने यह साबित किया कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

राजनीति में महिला शक्ति

भारतीय राजनीति में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। इंदिरा गांधी, सुषमा स्वराज, निर्मला सीतारमण और ममता बनर्जी जैसी महिला नेताओं ने यह दिखाया कि वे नेतृत्व करने में किसी से पीछे नहीं हैं। वहीं, ग्राम पंचायतों में 50% आरक्षण के बाद गाँव-गाँव में महिला सरपंच और प्रधान बन रही हैं, जिससे सामाजिक बदलाव की नई लहर आई है।

विज्ञान और तकनीक में नारी की भागीदारी

भारतीय महिलाएँ विज्ञान और तकनीक में भी अग्रणी हैं। डॉ. टेसी थॉमस, जिन्हें ‘मिसाइल वुमन ऑफ इंडिया’ कहा जाता है, DRDO में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। वहीं, इसरो के मिशन में रितु करिधाल और मुथैया वनिता जैसी वैज्ञानिकों ने चंद्रयान और मंगलयान की सफलता में अहम योगदान दिया।

खेल और सेना में नारी शक्ति

भारतीय महिलाएँ खेल और सेना में भी नए आयाम स्थापित कर रही हैं।
• साइना नेहवाल, पीवी सिंधु, मिताली राज और मैरी कॉम जैसी महिला खिलाड़ियों ने भारत को विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया है।
• भावना कंठ, अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह जैसी फाइटर पायलट्स भारतीय वायुसेना में देश की रक्षा कर रही हैं।
• भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों में अब महिलाएँ अग्रिम मोर्चे पर तैनात हो रही हैं।

उद्यमिता और व्यापार में महिला सफलता

आज महिलाएँ खुद का व्यवसाय शुरू कर रही हैं और बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रही हैं। कुछ प्रमुख महिला उद्यमियों में शामिल हैं:
• वंदना लूथरा (VLCC की संस्थापक)
• फाल्गुनी नायर (Nykaa की संस्थापक)
• किरण मजूमदार-शॉ (Biocon की संस्थापक)

महिला दिवस: समानता और सशक्तिकरण का संकल्प

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस न केवल महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने का अवसर है, बल्कि यह इस बात की भी याद दिलाता है कि समाज में महिलाओं को समान अवसर और अधिकार देने की दिशा में अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। यह दिन महिलाओं के संघर्ष, उनके साहस और समाज के हर क्षेत्र में उनकी बढ़ती भागीदारी को सम्मान देने का प्रतीक है।

इंदु शर्मा का संदेश: नारी शक्ति को नमन

इंदु शर्मा, सदस्य DISHA बिलासपुर, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य (भाजपा महिला मोर्चा) और पूर्व ज़िला परिषद सदस्य, इस अवसर पर सभी महिलाओं को बधाई देते हुए कहती हैं:

“महिला दिवस सिर्फ़ एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि नारी सशक्तिकरण के संकल्प को दोहराने का दिन है। आज महिलाएँ शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, विज्ञान, खेल और उद्यमिता जैसे हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही हैं। हिमाचल से लेकर दिल्ली और देशभर में महिलाएँ अपनी मेहनत से परिवार, समाज और राष्ट्र को सशक्त बना रही हैं। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर बेटी को समान अवसर मिले, हर महिला आत्मनिर्भर बने और समाज में महिलाओं को उनके हक और सम्मान से नवाजा जाए।”

इंदु शर्मा महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहती हैं कि हर महिला को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। बेटियों की शिक्षा, महिलाओं की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना आज की जरूरत है। साथ ही, समाज को भी यह समझना होगा कि महिलाओं का योगदान सिर्फ़ घर तक सीमित नहीं, बल्कि वे समाज और देश के विकास की धुरी हैं।

समाज की जिम्मेदारी: महिलाओं के लिए समान अवसर

महिला दिवस हमें याद दिलाता है कि जब तक हर महिला को समान अवसर, सुरक्षा और स्वतंत्रता नहीं मिलेगी, तब तक समाज अधूरा रहेगा। हमें मिलकर महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए काम करना होगा।

“जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं।” – मनुस्मृति

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हर भारतीय नारी को नमन!

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