
गर्भाशय के समय दोरान किडनी निकलने का आरोप
गोविन्द पुत्र रघुवीर सिंह निवासी भावत थाना एलाउ जनपद मैनपुरी के निवासी है महिला आयोग IGRS पे शिकायत करके बताया मेरे पत्नी पूजा को ओवरी में परेशानी थी जिसमें रामू पुत्र अवधेश कुमार निवासी घुआसी थाना कुर्रा जनपद मैनुपरी नेसलाह दी कि आप अपनी पत्नी को लोटस अस्पताल फर्रुखावाद, प्लाट न० 4C/86 लोहिया अस्पताल के पीछे आवास विकास फर्रुखावाद में इलाज करवालें। प्रार्थी अपनी पत्नी व रामू के साथ लोटस अस्पताल में गया वहां पर दिखाने के वाद डाक्टरों ने आपरेशन की सलाह दी प्रार्थी द्वारा अपनी पत्नी काआपरेशन दिनांक 31.03.2023 को कराया गया तथा उक्त आपरेशन के वादप्रार्थी की पत्नी का दवा व इलाज चलता रहा वादहू प्रार्थी की पत्नी को दवाखाने के उपरान्त पूर्णतयः स्वस्थ नही हुई उसके वाद दिनांक 09.02.2025 को उक्त अस्पताल में पुनः दिखाने गये वहां उपस्थित डाक्टरों द्वारा प्रार्थी की पत्नी की एक किडनी न होना बताई गई तव प्रार्थी के द्वारा उक्त आपरेशन इसी अस्पताल में दिनांक 31.03.2023 की वात कही तो अस्पताल स्टाप व डाक्टरों द्वारा प्रार्थी की पूर्व की पत्रावली / इलाज फाइल मांगी। जिसे डाक्टरो व स्टाप को दिखाई गई इलाज फाइल लाने के वाद प्रार्थी की पत्नी एक हल्का इलाज
का पर्चा लिख दिया और कहा सब ठीक है घर जाओ। जव प्रार्थी ने अपनी पुरानी फाइल मांगी तो वहां उपस्थित गार्डों द्वारा धक्का मारकर भगा दिया गयाऔर फाइल भी नही दी गई। प्रार्थी की पत्नी के शरीर का उक्त आपरेशन दिनांक 31.03.2023 के पूर्व कभी किसी भी प्रकार की शल्य चिकित्सा नही हुई है। प्रार्थी की पत्नी हालत नाजुक हो गई है तथा प्रार्थी के पास आर्थिक रुप से कोई संपन्नता नही है जिससे अपनी पत्नी की दवा करा सके। प्रार्थी के 2 पुत्र व 3 पुत्री है। प्रार्थी स्वयं में पूर्णतयः शारीरिक रुप से अशक्त व दिव्यांग है। प्रार्थी के परिवार की मुख्य जिम्मेदारी मेरी पत्नी पूजा की ही है। मेरी पत्नी केसाथ उक्त अस्पताल द्वारा किये गये छल / मानव देह तस्करी /किडनी चोरी से मेरे परिवार का जीवन यापन संकट ग्रस्त हो गया है तथा प्रार्थी की पत्नी का जीवन का कोई भरोसा नही रह गया है। मेरी पत्नी की किडनी उक्त अस्पताल लोटस फर्रुखावाद द्वारा की गई है । तथा उक्त अस्पताल मानव अंग तस्करी में संलिप्त है। यदि मेरी पत्नी का जीवन समाप्त होता है तो प्रार्थी व उसके परिवार के भरण पोषण विस्थापन के लिये उक्त अस्पताल ही दोषी होगा