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राजस्थान श्याम के रंग में रंग गया बाबा श्याम खाटू धाम पदयात्रा व निशान लेकर चल पड़े श्रदालु

बाबा श्याम के फागण मास में प्रथम फागण से लेकर होली दहन तक बाबा श्याम के श्रदालू बाबा के रंग में रंग जाते हैं राजस्थान में बाबा श्याम की महिमा सबसे बड़ी अपरंपार है घटोत्कच का पुत्र बर्बरीक जैसे तीन धारी श्याम कहा जाता है जब महाभारत का युद्ध हुआ था बर्बरीक के पास तीन ऐसे वान थे तीनों लोगों को खत्म कर सकता था बर्बरीक ने अपनी माता को वचन दिया था मैं हारे का सहारा बनुगा इसलिए श्री कृष्ण जी बर्बरीक
परीक्षा ली तो बर्बरीक ने एक ही वान से पीपल के पत्ते सभी में छेद कर दिया इसी प्रकार गौरव सैन को एक ही वान से खत्म कर सकता था पर श्री कृष्ण जी ने बर्बरीक को बोला ऐसे तो बर्बरीक कभी महाभारत का युद्ध खत्म नहीं होगा कि तूने अपनी माता को वचन दिया है जो सेना हारेगी उसी की तरफ हो जाऊंगा जब भगवान कृष्ण ने बर्बरीक से गुरु दक्षिणा मांगी तब बाबा श्याम ने अपना सिर काट कर श्री कृष्ण जी के चरणों में रख दिया जिस दिन से भगवान कृष्ण भगवान ने बर्बरीक को श्याम के नाम से आशीर्वाद दिया उसी दिन से बर्बरीक कृष्ण भगवान के नाम श्याम नाम से पुकारा जाता है और तीन धारी हारे का सहारा कहा जाता है मास में छठ से लेकर ग्यारस तक बाबा का निशान और पदयात्रा बहुत ज्यादा श्रदालु उमंग और रंग में रंग जाते हैं

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