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श्री चौथ माता मंदिर गर्भगृह में हुई स्वर्ण नक्काशी, दिखनी लगी है मां के दरबार की अलग ही आभा

चौथ का बरवाड़ा अरावली की पहाड़ी पर स्थित श्री चौथ माता का मुख्य गर्भगृह मंदिर श्री चौथ माता ट्रस्ट द्वारा स्वर्ण वर्क युक्त किया जा रहा है, स्वर्ण वर्क युक्त होने से मुख्य मंदिर की अलग ही आभा दिखने लगी है।
मंदिर श्री चौथ माता ट्रस्ट के उपाध्यक्ष शंकर लाल सैनी, मंत्री श्रीदास सिंह राजावत एवं कोषाध्यक्ष मोहन लाल सैनी ने बताया कि बरवाड़ा की अरावली की पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में श्री चौथ माता के साथ गणेश जी भी विराजमान है। इस मंदिर के मुख्य गर्भगृह को स्वर्ण वर्क की परत चढ़ाकर स्वर्ण युक्त किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मंदिर श्री चौथ माता ट्रस्ट समिति की होने वाली मासिक बैठक में श्री चौथ माता मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णक्काशी युक्त करवाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से लिया गया है। वर्तमान में 300 ग्राम सोने के वर्क बनवाए गए हैं और रमेश चन्द कुमावत के निर्देशन में कोटा एवं सवाई माधोपुर के कर्मियों द्वारा स्वर्ण नक्काशी कार्य किया जा रहा है।
मंदिर श्री चौथ माता ट्रस्ट पदाधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में श्री चौथ माता मंदिर प्रांगण में स्वर्ण नक्काशी कार्य के अलावा मंदिर के शिखर का कार्य भी शीघ्र शुरू किया जाएगा जिसकी अनुमानित लागत 60-70 लाख रुपये होगी तथा मंदिर प्रांगण की पुरानी लाइटिंग को हटाकर 15-20 लाख रुपए खर्च कर नई लाइटिंग का कार्य भी किया जाएगा।
मंदिर श्री चौथ माता ट्रस्ट सदस्य मदनलाल सैनी एवं सुरेंद्र नागर ने बताया कि यह मंदिर पर्यटन एवं धार्मिक स्थल के रूप में पूरे राजस्थान ही नहीं बल्कि भारत में प्रमुख रूप से गिना जाता है। पूरे भारत में करवा चौथ का एकमात्र मंदिर भी यही माना जाता है। करवा चतुर्थी पर लाखों महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना हेतु मां के दरबार में आती है और पूजा अर्चना करती है।
*माघ कृष्ण चतुर्थी को प्रतिवर्ष लगता है विशाल लक्की मेला*
सदस्य रामकिशन गुर्जर एवं कमल सैनी ने बताया कि बरवाड़ा में स्थित यह मंदिर दिन-प्रतिदिन आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के कारण प्रसिद्ध होता जा रहा है। प्रत्येक माह कृष्ण चतुर्थी को हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शनार्थ आते हैं और माघ कृष्ण चतुर्थी को प्रतिवर्ष सात दिवसीय विशाल लक्की मेला लगता है, जिसमें लाखों दर्शनार्थी दर्शन लाभ लेते हैं। उन्होंने बताया कि श्री चौथ माता को हाडोती क्षेत्र के लोग अपनी आराध्य देवी मानते हैं, इस कारण से हाडोती क्षेत्र के श्रद्धालु अधिक संख्या में दर्शनार्थ आते हैं।
श्री चौथ माता मंदिर की बढ़ती प्रसिद्धी के कारण मंदिर श्री चौथ माता ट्रस्ट द्वारा मंदिर के मुख्य गर्भगृह को स्वर्ण युक्त करने का कदम उठाया है तथा नित नये निर्माण कार्य किया जा रहे हैं
श्री चौथ माता के परम भक्त आचार्य अवधेश दाधीच एवं म्हारो बरवाड़ा फाउंडेशन के समन्वयक अनेन्द्र सिंह आमेरा ने मंदिर श्री चौथ माता ट्रस्ट द्वारा करवाए जा रहे स्वर्ण नक्काशी कार्य को सराया है और कहा है कि ट्रस्ट द्वारा गर्भगृह में बहुत ही सुंदर स्वर्ण नक्काशी की जा रही है जिससे की मां की आभा अलग ही प्रतीत होने लगी है।
मंदिर श्री चौथ माता ट्रस्ट पदाधिकारी बताते हैं कि हजारों श्रद्धालुओं के आगमन के कारण उनके द्वारा मंदिर परिक्षेत्र में छाया पानी एवं श्रद्धालुओं के ठहरने की कई व्यवस्थाएं की जाती है, जिससे कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो।
*राजस्थान के इतिहास का प्राचीन मंदिर*
बरवाड़ा में स्थित यह मंदिर राजस्थान के प्राचीन मंदिरों की श्रेणी में आता है। इस मंदिर की स्थापना बरवाड़ा के शासक भीम सिंह द्वारा 1451 में की गई थी और तब से ही माली जाति द्वारा माता की सेवा पूजा एवं आरती की जाती रही है।

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