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मनरेगा में लूट की मची छूट. रोजगार सेवक लगा रहे हैं श्रमिकों की फर्जी हाजिरी जनपद पंचायत देवसर के CEO संजीव तिवारी के आंखो के सामने किया जा रहा है भ्रष्टाचार।


सिंगरौली जिले के कठदहा पंचायत इन दोनों फर्जीवाड़ा के मामले में सुर्खियों में बना हुआ है। हर दिन कोई न कोई नया मामला देखने को मिलता है वही आपको बता दें

खबर देवसर जनपद पंचायत के कठदहा पंचायत अंतर्गत मनरेगा में लूट को मिली छूट, रोजगार सहायक अशोक सिंह लगा रहें मजदूरों की फर्जी हाजिरी।

सिंगरौली जिले में इन दीनों रोजगार सहायकों की फर्जीवाड़ी की बाढ़ आ गई है हर दिन कोई न कोई नया मामला देखने को मिलता है वही आपको बता दें


कठदहा पंचायत के हरिजन बस्ती में पुलिया निर्माण, एवं कई अन्य लोगों के खेतों में नाला बंधान कार्य कागजो में चल रहा है और भुगतान भी हो रहा है लेकिन जमीनी हकीकत पर कार्य शुरू भी नहीं हुएं है रोजगार सहायक NMMS पोर्टल पर 30 लेवरो का अभी भी फर्जी हाजिरी लगा रहे है। और इंजीनियर अभिषेक विश्वकर्मा फर्जी कार्यों का मूल्यांकन कर रहे हैं।

और कार्य व लेवर का फोटो अपलोड करना चाहिए तो कहीं अन्य जगह का फोटो डाउनलोड कर, डबल मोबाइल साट कर फोटो अपलोड कर रहें हैं। आखिर में क्यों?

सरकार के खजानो में कई लाखो रुपए का डाल चुके हैं डांका और अभी भी बिभाग के अनदेखा के वजह से सरकार के खजाने में डाल रहे डांका बिभाग के कर्मचारी है मौन।

ऐसे में आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि शासकीय धन का किस तरह से दुरूपयोग किया जा रहा है, आखिर किस के इशारे पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है जबकि केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त करने की दावा करती है ग्राम पंचायत कठदहा सहित अधिकतर ग्राम पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। अगर जमीनी स्तर पर इसकी पड़ताल कर ली जाए तो भ्रष्टाचार की कलाई पर्दा फास खुलकर सामने आने लगेगी जो लोग गांव में कभी कार्यस्थल पर नहीं जाते उनके नाम पर भी हाजिरी लगा दी जाती है ग्राम पंचायत में नियुक्त रोजगार सेवक द्वारा फर्जी हाजिरी लगा दिया जाता है तकनीकी सहायक द्वारा फर्जी एम. बी .कर दिया जाता है और मजदूरों के खाते में पैसा भेजवाकर निकलवा लिया जाता है और उनको 200 से 300 रूपये पकड़ा दिया जाता है सबसे बड़ी बात यह है कि फर्जी मनरेगा योजना में हो रहे कार्य स्थल पर शुरू होने और समाप्त होने व परियोजना पर ब्यय किये गए धन की कहीं कोई साइन बोर्ड नहीं लगा है जिससे यहां नहीं पता हो पता कि इस परियोजना पर कितने दिन, कितने श्रमिको को कितना रुपया का भुगतान हुआ इस योजना में सरकारी धन का खूब बंदर बांट हो रहा है

मनरेगा योजना में हो रहे भ्रष्टाचार के जिम्मेदार इसमें रोजगार सेवक की जिम्मेदारी होती है कि वह एन.एम.एम एस. द्वारा फर्जी हाजिरी लगाते हैं उसके बाद उपयान्त्री की जिम्मेदारी होती है कि वह फर्जी एम. बी .कर देते हैं और प्रधान व सचिव की जिम्मेदारी भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है पैसा स्वीकृत होकर श्रमिकों के खाते में पहुंच जाता है

मनरेगा योजना में घोटाले बाजों की जड़े हैं बहुत गहरी व मजबूत मनरेगा योजना में घोटाले बाजों की जड़े इतनी मजबूत है कि किसी भी ग्रामीण में इतनी हिम्मत नहीं होती की खुलकर इसका विरोध कर सके अगर किसी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो उसकी हर तरह से इतना प्रताड़ित व पीड़ित कर दिया जाता है कि वह थक हार कर घर पर बैठ जाता है

👉 01मनरेगा में चल रहे कार्यों की उपस्थिति मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम एप के माध्यम से सुबह शाम दोनों टाइम का नियम है इसके बावजूद भी उपस्थित एक टाइम लगाया जा रहा है कार्य के समय ना लगा करके रात्रि में 10:45 ( MP)बजे लगाया जा रहा है प्रतीत हो रहा है कि मजदूरों की उपस्थिति फर्जी ढंग से छुपाते हुए रात में हाजिरी लगाया जा रहा है जिससे किसी को कानों कान भनक भी ना लगे

स्थानीय लोगों ने वरिष्ठ अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने व फर्जी मनरेगा श्रमिकों की हाजिरी को शून्य कराने का मांग किया है।

👉यक्ष प्रश्न भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है.देश की जनता के पैसों पर अपनी शौक पूरा करने वाले काले बिषधर की तरह उस धन पर कुण्डली मारकर बैठने वाले जो भ्रष्टाचार की भट्टी पर अपनी- अपनी रोटियां सेंक रहे हैं वो सभी सलाखों के पीछे कब जायेंगे

संवादताता : मिथिलेश कुमार यादव

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