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विशेषज्ञों ने भावी दंत चिकित्सकों से साझा किए अपने अनुभव के.डी. डेंटल कॉलेज में राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस पर हुए अतिथि व्याख्यान दंत चिकित्सा में एंटीबायोटिक्स का विवेकपूर्ण उपयोग जरूरीः डॉ. रामचंद्र गौड़ा

मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल मथुरा के ओरल पैथोलॉजी विभाग द्वारा इंडियन एसोसिएशन ऑफ ओरल एण्ड मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजिस्ट तथा पियरे फॉचर्स एकेडमी (इंडिया सेक्शन) के संयुक्त तत्वावधान में डॉ. एच.एम. ढोलकिया की स्मृति में छठा राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों तथा दो विशेषज्ञ दंत चिकित्सकों के ज्ञानवर्धक सीडीई व्याख्यानों के माध्यम से भावी दंत चिकित्सकों को ओरल पैथोलॉजी की खूबियों की विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी तथा अतिथियों द्वारा डॉ. एच.एम. ढोलकिया के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस पर जहां अतिथि वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए वहीं संस्थान के स्नातक छात्र-छात्राओं ने ओरल पैथोलॉजी विषय से सम्बन्धित पोस्टर मेकिंग, रंगोली, साबुन नक्काशी और फेस आर्ट पेंटिंग जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इसकी महत्ता प्रतिपादित की। प्रतिष्ठित वक्ता डॉ. रामचंद्र गौड़ा मैक्सिलोफेशियल एण्ड माइक्रोवास्कुलर रिकंस्ट्रक्टिव सर्जन (ल्यूटन एण्ड डंस्टेबल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल लंदन यूनाइटेड किंगडम) ने लंदन से वर्चुअली डेंटल प्रैक्टिस में एंटीबायोटिक्स के विवेकपूर्ण उपयोग पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने छात्र-छात्राओं से चिकित्सकों द्वारा एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभावी उपयोग और अनुचित दुरुपयोग पर चर्चा की। इतना ही नहीं उन्होंने दंत चिकित्सा अभ्यास में दवाओं के तर्कसंगत उपयोग की भी वकालत की। प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने छात्र-छात्राओं को रोगों के निदान में ओरल पैथोलॉजिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी। डॉ. लाहौरी ने छात्र-छात्राओं को डॉ. एच.एम. ढोलकिया के कृतित्व तथा व्यक्तित्व से अवगत कराया। केडी मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. पुष्कर ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध और इसके प्रभाव पर बात की। उन्होंने रोगाणुरोधी प्रतिरोध के कारण होने वाले दुष्परिणामों को विस्तार से बताया तथा इससे निपटने के उपाय सुझाए। विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश ने डॉ. एच.एम. ढोलकिया के कृतित्व को याद किया। उन्होंने दंत चिकित्सकों को रोगाणुरोधी प्रतिरोध के दुष्परिणामों से सचेत रहने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि एक टीम के रूप में काम करने से चिकित्सा संबंधी त्रुटियां रुकती हैं तथा रोगी की सुरक्षा बढ़ती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दंत चिकित्सक, डेंटल नर्स तथा अन्य टेक्निकल कर्मचारियों का पहला दायित्व रोगी की सुरक्षा है। डॉ. रामबल्लभ ने अपने स्वागत भाषण में रोगाणुरोधी प्रतिरोध को रोकने में दंत चिकित्सकों की भूमिका के महत्व का उल्लेख किया। डॉ. अंकिता पटनायक ने अतिथि वक्ता का परिचय दिया और कार्यक्रम की मेजबानी की। राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस पर स्नातक छात्र-छात्राओं के बीच पाथआर्ट प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। इस अवसर पर सभी विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापरिया आदि उपस्थित थे।

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