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आई आई टी बाबा या बहरूपिया ?

नई दिल्ली। प्रयागराज महाकुंभ समापन की ओर है और अगले कई वर्षों तक ये भव्य आयोजन कई कारणों से याद किया जाएगा । साधु संतों ,राजनीतिज्ञों ,उद्योगपतियों, फिल्मीजगत की हस्तियों और सामान्य मानवीय का ये अद्भुत संगम मीडिया में छाया रहा कई कारणों से विश्वभर से 61 करोड़ लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई और इसी में से मीडिया की मेहरबानी से एक नाम उभर कर तेजी से सुर्खियां बटोरने में कामयाब रहा वह था आई आई टी बाबा नाम का हरियाणा का एक शख्स अभय सिंह जिसके न गुरु का पता न आध्यात्मिक अनुभव का पता। सिर्फ भभूती लगा के गांजा फूंक कर थोड़ा बहुत किताबी ज्ञान ठोक कर खुद को कभी कल्कि अवतार तो कभी शिव स्वरूप बता कर आम जनता में सस्ती लोकप्रियता हासिल करने में सफलता पाई। अपने मां बाप को गाली देने से ले कर ओशो एवं संत आसाराम बापू तक को भी नहीं बक्शा इस शख्स ने ।बडबोला किस्म का ये शख्स आई आई टी मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कर के अध्यात्म के रस्ते चला और क्योंकि पढ़ी लिखी बात कर रहा था तो मीडिया के लिए आकर्षण का केंद्र बना ।सही है न नया मसाला आराम से बाजार में बेचा जा सकता था ।हाल ही में भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर भी भविष्यवाणी कर डाली की भारत ये मैच हरेगा लेकिन उसके विपरीत न सिर्फ भारत ने ये मैच जीता बल्कि बड़े आराम से जीता ।समाजसेवी नितिन कालरा को तब लगा की ऐसे मनचले व्यक्ति से समाज को थोड़ा सावधान करना चाहिए ।गांजा फूंकने और विभिन्न गुरुओं की कृपा से थोड़ा बहुत ज्ञान बटोरने के सिवा क्या उपलब्धि इस शख्स की ?उस ज्ञान को पचाना ही असली साधना है।गुरु का नाम पूछने पर मेरे बहुत गुरु है और कोई गुरु नहीं है कहना वाला व्यक्ति असल में एक बहरूपिया है जिसे मीडिया ने बाबा बना दिया है ।अध्यात्म के रस्ते हम सफल होते हैं तो अंतर्मुख हो जाते है लेकिन ये शख्स शायद मानसिक संतुलन खोने के कारण (क्योंकि ध्यान साधना की तकनीक सही और निर्धारित मात्रा में न होने से खुश्की भी चढ़ती है ) बहिर्मुख हो गया है अब वो विश्व को पलट देने की बात करने लगा है कभी खुद को राजा बताता है ।युवा पीढ़ी इस बहरूपिए से ज्यादा प्रेरित न हो भारत का दर्शन शास्त्र एवं अध्यात्म बहुत महान एवं गहरा है ।जिसकी आहार शुद्धि नहीं है वो परम सत्य को कैसे पाएगा ? कई इंटरव्यू में हाथ में सिगरेट देखी गई इसके फिर मीडिया के माध्यम से दूसरों को प्रेरित करना और एक गलत छवि सनातन संस्कृति की बनाने का पाप कर रहा है ।भगवान कृष्ण ने भी संधिपनी आश्रम में ज्ञान प्राप्त किया ,भगवान राम ने भी वशिष्ठ मुनि से ज्ञान पाया तो ये मनमुख साधना करके आई आई टी बाबा खुद तो भटकता जीव है साथ ही इसको सुनने वाले युवा भी न भटके और सावधान रहे इस बहरूपिए से और मीडिया भी अब इसको ज्यादा एहमियत न दे तो बेहतर।

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