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UP: कोर्ट ने माना- बेवजह पति से अलग रह रही पत्नी भरण-पोषण भत्ते की हकदार नहीं, इस विवाद में सुनाया है फैसला

Kanpur News: अधिवक्ताओं ने बताया कि कोर्ट ने माना कि क्रूरता और प्रेम साथ-साथ नहीं चल सकता। पत्नी क्रूरता का कोई सबूत पेश नहीं कर सकी। पति साथ रखना चाहता है, लेकिन पत्नी नहीं रहना चाहती। इन्हीं आधारों पर कोर्ट ने माना कि बेवजह पति से अलग रह रही पत्नी भरण-पोषण भत्ता पाने की अधिकारी नहीं है।
कानपुर में शादी के सात महीने में ही पति-पत्नी में विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों अलग रहने लगे। शिक्षक पति ने विदाई का मुकदमा दर्ज कराया। कोर्ट ने आदेश दिया लेकिन पत्नी ससुराल नहीं गई। पत्नी ने भरण-पोषण भत्ते के लिए मुकदमा दाखिल किया, जिसे पारिवारिक न्यायालय के अपर प्रधान न्यायाधीश तृतीय आलोक कुमार ने खारिज कर दिया।
कहा कि पत्नी बेवजह पति से अलग रह रही है इसलिए भरण-पोषण की राशि पाने की अधिकारी नहीं है। हालांकि कोर्ट ने मुकदमा दाखिल करने की तारीख से फैसले की तारीख तक 13 हजार रुपये प्रतिमाह अंतरिम भरण-पोषण भत्ता देने का निर्देश भी दिया है।

दहेज प्रताड़ना का लगाया था आरोप
बाबूपुरवा कॉलोनी निवासी युवती का विवाह नई दिल्ली के द्वारिका निवासी सरकारी स्कूल के शिक्षक के साथ 22 जनवरी 2018 को हुआ था। कुछ ही माह में पति-पत्नी में अनबन के बाद मुकदमेबाजी शुरू हो गई। पत्नी ने गुजारा भत्ता के लिए मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें आरोप लगाया कि पति व ससुरालीजन दहेज में पांच लाख रुपये और कार की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगे।
40 हजार प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता दिलाया जाए
साथ ही पति पर जबरन शराब पिलाने व अन्य अभद्र आचरण की बात कही। 6 अक्टूबर 2018 को बुरी तरह मारा पीटा। डायल 100 पर सूचना देने पर पुलिस आई और पति को थाने ले गई, तो ससुरालवालों ने उसे निकाल दिया। पति सरकारी शिक्षक है और 61 हजार रुपये वेतन पाता है । इसलिए उसे 40 हजार रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता दिलाया जाए।

बूढ़े मां-बाप को जेल भिजवाने की धमकी देती
वहीं, पति ने जवाब में कहा कि पत्नी शादी के पहले से ही शराब और सिगरेट पीती थी। शादी के चार दिन बाद ही सिगरेट और शराब की जिद करने लगी। मना करने पर खुदकुशी की धमकी दी। बिना बताए घंटों घर से गायब रहती और समझाने पर बूढ़े मां-बाप को जेल भिजवाने की धमकी देती। सात अक्टूबर 2018 को उसे थाने में बंद कराकर जेवर लेकर चली गई।
वैवाहिक साइट पर प्रोफाइल भी बनाई
दूसरे विवाह के लिए वैवाहिक साइट पर प्रोफाइल भी बनाई है। घरेलू हिंसा अधिनियम में वह दस हजार रुपये प्रतिमाह अंतरिम भरण पोषण भत्ता अदा भी कर रहा है। अधिवक्ताओं ने बताया कि कोर्ट ने माना कि क्रूरता और प्रेम साथ-साथ नहीं चल सकता। पत्नी क्रूरता का कोई सबूत पेश नहीं कर सकी। पति साथ रखना चाहता है, लेकिन पत्नी नहीं रहना चाहती।

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