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चारागाह की शासकीय भूमि का कैसे हुआ बंदरबांट, कैसे तय हुआ पूर्व विधायक से वर्तमान विधायक तक भूमि का सफर :- रामनिवास उरमलिया*


मैहर--कांग्रेस नेता रामनिवास उरमलिया ने नवागत जिले में हो रहा सरकारी जमीनों के बंदर बांट का मामला उठाते हुए एक बार फिर मध्यप्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट करा विधि सम्मत कार्यवाही की मांग करते हुए उक्त जमीन को पुनः मध्यप्रदेश शासन किये जाने की मांग की है श्री उरमलिया ने कहा कि मऊ में स्थित सिद्ध बाबा धाम सैकड़ो गाँव के लोगो के आस्था का विषय है जहां लोग वर्ष भर भजन कीर्तन भंडारा सहित तमाम धार्मिक आयोजन आयोजित किये जाते है उक्त क्षेत्र लाखो लोगो की आस्था और मन्नत का केंद्र है। ऐसे स्थान में भी लोगो ने हाथ मारने में कोई संकोच नही किया प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है सनातन संस्कृति को मानने के तमाम दावे करती है जन मानष के बीच धर्म का ढिंढोरा पीटती है और दूसरी तरफ उनके नेता धर्मिक स्थल चारागाह आश्रम अखाड़ा की जमीनों को हड़पने में कोई संकोच नही कर रहे है। श्री उरमलिया ने कहा कि सिद्धबाबा आश्रम से लगी सरकारी आराजी जो वर्षो से शासन के रिकार्ड में चारागाह दर्ज थी उस चारागाह की जमीन को भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देकर खुर्दबुर्द किया गया। आराजी नम्बर 222/1/1/2 रकवा 0.750 हेक्टेयर जो कि मूल आराजी 222/1 रकवा 1.500 हेक्टेयर मध्यप्रदेश शासन थी। उक्त जमीन 2010-11 में बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के आनंद त्रिपाठी पिता नारायण त्रिपाठी के नाम रिकार्ड में दर्ज कर दिया। फिर ये जमीन शकुंतला चौरसिया के नाम होकर वर्तमान विधायक श्रीकान्त चतुर्वेदी की पत्नी अंजना चतुर्वेदी के पक्ष में रजिस्टर्ड अभी 05.02.2025 को की गई जिसके नामांतरण में अभी रोक लगाई गई है जो उच्च स्तरीय जांच का विषय है साथ ही उक्त चारागाह की जमीन को बिना सक्षम आदेश के हस्तांतरित कैसे हुई जब आदेश नही है यानी जमीन फर्जी तरीके से कराई गई।
श्री उरमलिया ने कहा कि उक्त जमीन की जांच हेतु मैने कलेक्टर मैहर को शिकायती पत्र सौंपा है बदले में सिद्धबाबा धाम सहित मुझे मेरे परिवार जनों को बम से उड़ाने की धमकी भी एक अपराधी विजय चौरसिया द्वारा दी गयी है। अगर विधि सम्मत जांच करा उक्त आराजी को मध्यप्रदेश शासन दर्ज नही किया गया तो हम उच्च अदालत की शरण मे जाएंगे। रामनिवास उरमलिया ने कहा कि अगर इस न्याय की लड़ाई में मझे मेरे परिवार जनों या सिद्धबाबा आश्रम को किसी भी प्रकार की क्षति पहुचाई जाए तो इस षणयंत्र का दोष वर्तमान विधायक श्रीकान्त चतुर्वेदी और विजय चौरसिया को माना जाय।

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