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आप सभी देश वासियों को मो0 समजद आलम की ओर से शब-ए-बारात मुबारक! दुआ है आपके सारे गुनाह माफ हों और आपकी जिंदगी खुशियों से भर जाए

आज की शब रौशनी की जरूरत नहीं आज चांद आसमान से मुस्कुराएगा, तुम दुआओं का सिलसिला जारी रखना रहमतों का गुलिस्तां जमीं पर आएगा शब-ए-बारात मुबारक!

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