
भागवत कथा में बताया गोवर्धन पूजा का महत्व
रिपोर्टर:- रिंकू भारद्वाज शर्मा
बाबा बालक नाथ मंदिर कठोह के प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन मंगलवार को आचार्य शिवकुमार शास्त्री ने गोवर्धन लीला के साथ भगवान श्री कृष्ण के बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाया। कथा आयोजक रिटायर्ड कर्नल तरसेम चंद राणा एवं डॉक्टर ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि इस दौरान भगवान के जन्मोत्सव उनके नामकरण और पूतना वध के साथ माखन चोरी की लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रद्धालु मंत्र मुग्ध हो गए।
आचार्य शिव कुमार शास्त्री ने कहा भगवान ने अपनी लीलाओं से जहां कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया।वहीं ब्रज के लोगों को अआनंद प्रदान किया। कथा के दौरान भगवान गिरिराज पर्वत को उठाते हुए सुंदर झांकी सजाई गई। शास्त्री ने कहा कि इंद्र को अपने सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रजमंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रजमंडल पर भारी बरसात कराई।प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इस मौके पर गोवर्धन लीला की झांकी भी सजाई गई। कथा के दौरान गोवर्धन पूजन का उत्सव उल्लास के साथ मनाया गया। संगीतमयी कथा के दौरान भजनों पर पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु नाचने पर मजबूर हो गए।
इस मौके पर कथा आयोजन रिटायर्ड कर्नल तरसेम चंद राणा, उनकी धर्मपत्नी उर्मिला राणा,पंडित कृष्ण शर्मा, डॉक्टर ओम प्रकाश शर्मा एवं समस्त कठोह निवासी उपस्थित रहे।