#सत_भक्ति_संदेश
पापों का शत्रु
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पापों का शत्रु
यजुर्वेद अध्याय 5 के मंत्र 32 में लिखा है 'कविरंघारिरसि' कविर्देव (कबीर परमेश्वर) पापों का शत्रु है, 'बम्भारिरसि' बन्धनों का शत्रु अर्थात् बन्दी छोड़ है।
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