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भूमि अधिग्रहण के मामले में Supreme Court का सुप्रीम फैसला, लोगों को बड़ी राहत

Supreme Court Decision : सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करके भूमि अधिग्रहण के मामले में बड़ा फैसला दिया है। इससे लोगों को बड़ी राहत पहुंची है। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को भी आड़े हाथों लिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्पष्ट किया है कि संपत्ति का अधिकार मौलिक (Supreme Court update) अधिकार नहीं है, लेकिन संवैधानिक अधिकार तो है।

भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्पष्ट किया है कि कानूनन बगैर उचित मुआवजा के किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं रखा जा सकता है। अदालत ने फैसेल के दौरान स्पष्ट किया कि भले ही संपत्ति का अधिकार एक मौलिक अधिकार (Supreme Court decision) नहीं है, परंतु संपत्ति का अधिकार संवैधानिक अधिकार तो है।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि भूमि का संरक्षण जरूरी है। भूमि अधिग्रहण के एक कर्नाटक के करीब 20 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लोगों के हित में अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया है। सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को बढ़ा हुआ मुआवजा दिलाया है।

कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट में नवंबर 2022 में आए कर्नाटक हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ अपील दायर की गई थी। इसी अपील को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court latest update) ने अपना फैसला दिया है। दरअसल, बेंगलुरु-मैसूर इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था।

2019 की कीमतों के अनुसार मुआवजा देने को कहा है। इसी हिसाब से सरकार को मुआवजा तय करने की बात कही गई है। अदालन के अनुसार 21 साल बाद किसी का वहीं पुरानी कीमत का मुआवजा देना संपत्ति के संवैधानिक अधिकार का मजाक उड़ाने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट के जजों ने संविधान के अनुच्छेद 142 के अनुसार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court decision) को प्राप्त विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया। कोर्ट ने बढ़े हुए मुआवजे का आदेश दिया है।

संपत्ति पर है संवैधानिक अधिकार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court update) के फैसले के दौरान कहा गया कि 1978 में 44वें संविधान संसोधन संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार नहीं माना जाता। परंतु अनुच्छेद 300-ए के अनुसार यह एक संवैधानिक अधिकार है। इसके अनुसार किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति के अधिकार से वंचित नहीं रख सकते न ही उससे संपत्ति छीन सकते हैं।

आगे भी खुले रहेंगे सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court new update) ने सरकार को बढ़े हुए मुआवजे का आदेश दिया। इसके साथ ही कहा कि अदालत के दरवाजे याचिकाकर्ताओं के लिए आगे भी खुले रहेंगे। सरकार के तय किए मुआवजे से संतुष्ट नहीं होते हैं तो कोर्ट आ सकते हैं। यह उनका कानूनी अधिकार है। साथ ही अदालत ने देश की तमाम सरकारों से समय पर मुआवजा देने की नसीहत दी है।

S K Khan
Anti-Corruption India
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