
ठाणे : "अम्हाला केस लड़े-चा नहीं (हम केस को आगे नहीं लड़ना चाहते हैं ) अक्षय के पिता ने कहा, "केस बंद कर दो" jmn
बादलपुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी अक्षय शिंदे के माता-पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि वे उसके बेटे की "फर्जी मुठभेड़" मौत की विशेष जांच दल ( SIT ) से जांच कराने की अपनी याचिका को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं।
अक्षय के माता पिता ने मराठी में हाथ जोड़कर न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले को मां ने कहा कि, "अम्हाला केस लड़े-चा नहीं (हम केस को आगे नहीं लड़ना चाहते हैं ) अक्षय के पिता ने कहा, "केस बंद कराओ।"
न्यायाधीशों के पूछने पर कि क्या उन पर ये बयान देने के लिए दबाव डाला गया था, उन्होंने इससे इनकार किया। उन्होंने कहा कि वे इधर-उधर भाग नहीं सकते और उनकी बहू ने एक बच्चे को जन्म दिया है, इसलिए वे उसके साथ रहना चाहते हैं। हालांकि, न्यायाधीशों ने कहा की "केस में बहुत कुछ हो चुका है, यह मामला "इस तरह से बंद नहीं किया जा सकता"।
यह घटना 23 सितंबर, 2024 को शाम लगभग 6 बजे के बाद मुंब्रा बाईपास के पास हुई, जब एक स्कूल में चौकीदार शिंदे को ले जाया जा रहा था।
जेल से ठाणे क्राइम ब्रांच ऑफिस ले जाया जा रहा था तभी पुलिस ने दावा किया कि उसने एक अधिकारी का हथियार छीन लिया और उन पर गोली चला दी और वैन में हुई मुठभेड़ में अक्षय को गोली मार दी गई।
ठाणे के कोर्ट ने जांच मजिस्ट्रेट अशोक शेंडगे ने 20 जनवरी को हाईकोर्ट में जांच रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें वैन ड्राइवर सहित पांच पुलिस वालों को शिंदे की मौत के लिए जिम्मेदार बताया गया था। हाईकोर्ट ने तब कहा था कि जांच रिपोर्ट के मद्देनजर "हम चाहते हैं कि आप एफआईआर दर्ज करें।"