*प्यार की भावना* "एक बार ज़रूर सोचे"
"एक बार ज़रूर सोचे"
आदमी दूसरे के दिल मे अपने या किसी और के प्रति:-
डर
अफ़सोस
दया
ख़ुशी
नफ़रत
घृणा
सभी तरह के भावनायों को जन्म दे सकता है या जबर्दस्ती बिठा सकता हैं बस एक भावना को छोड़ कर वो हैं:-
"प्यार"
प्यार ही एक ऐसी भावना है जो आदमी की अपने चाहने से ही पैदा होती है और इसको जबरदस्ती नही डाला जा सकता, इसलिए प्यार ही सबसे पवित्र और सच्चा है। अगर तुम्हारे दिल मे किसी के लिए भी (देश, समाज, दोस्त, व्यक्ति, परिवार, धर्म, पर्यावरण, ....आदि) के लिये अन्दर से प्यार है तो, इसका मतलब तुमने उसे खुद चुना है, नाकी किसी और ने और ना ही किसी और के दवाब के कारण से।
"जागो साथियों जागो"
--असलम बाशा (A. B.)