उपकार का महत्व
जंगल में शेर शेरनी अपने बच्चों को अकेला छोडकर शिकार के लिये दूर तक निकल गये
जब देर तक नही लौटे तो बच्चे भूख से छटपटाने लगे.
उसी समय एक बकरी आई उसे दया आई और उसने उन बच्चों को दूध पिलाया फिर बच्चे मस्ती करने लगे!
तभी शेर-शेरनी आये. बकरी को देख लाल पीले होकर शेर हमला करता,उससे पहले बच्चों ने कहा इसने हमें दूध पिलाकर बड़ा उपकार किया है नही तो हम मर जाते !
अब शेर खुश हुआ और उसने कृतज्ञता के भाव से कहा हम तुम्हारा उपकार कभी नही भूलेंगे, जाओ अब आजादी के साथ जंगल मे घूमो फिरो मौज करो
अब बकरी जंगल में निर्भयता के साथ रहने लगी यहाँ तक कि वह शेर के पीठ पर बैठकर भी कभी कभी पेडो के पत्ते खाती थी.
*यह दृश्य चील ने देखा तो हैरानी से बकरी से पूछा तब उसे पता चला कि उपकार का कितना महत्व है.*
चील ने यह सोचकर कि एक प्रयोग मैं भी करती हूँ, उसने देखा चूहों के छोटे छोटे बच्चे दलदल मे फंसे थे निकलने का प्रयास करते पर कोशिश बेकार चील ने उनको पकड पकड कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
बच्चे भीगे थे सर्दी से कांप रहे थे तब चील ने अपने पंखों में छुपाया, बच्चों को बेहद राहत मिली.
काफी समय बाद चील उडकर जाने लगी तो हैरान हो उठी चूहों के बच्चों ने उसके पंख कुतर डाले थे !
चील ने यह घटना बकरी को सुनाई तुमने भी उपकार किया और मैंने भी फिर हमें फल अलग अलग क्यों मिला.
बकरी हंसी फिर गंभीरता से कहा....
उपकार करो,तो शेरों पर करो चूहों पर नही !
*इसका कारण है क्योंकि कायर कभी उपकार को याद नही रखते और बहादुर कभी उपकार नही भूलते...!!!*
*सार- इस कहानी से हमे ओर क्या सीखने को मिलता है?*
*दरअसल*
1. *उपकार का महत्व:* उपकार करना एक महान गुण है, लेकिन इसे सोच-समझकर सही व्यक्ति पर करना चाहिए, ताकि उसका सकारात्मक परिणाम मिले.
2. *आभार का मूल्य:* साहसी और दयालु लोग हमेशा दूसरों के उपकार को याद रखते हैं और उसका सम्मान करते हैं, जबकि स्वार्थी और कायर लोग उपकार का सम्मान नहीं करते !
3. *सही व्यक्ति का चयन:* मदद और दया दिखाने से पहले यह समझना जरूरी है कि सामने वाला व्यक्ति उस उपकार के योग्य है या नहीं !
4. *सतर्कता जरूरी है:* भले ही दया और उपकार हमारी प्रवृत्ति हो, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम उन स्थितियों और लोगों का आकलन करें, जो हमारे प्रयासों का सही सम्मान करेंगे !
जीवन में उपकार करना आवश्यक है, लेकिन विवेक और सावधानी के साथ !