दरवाजे में करंट छोड़ने से गई मासूम बच्ची की जान*
~कोर्ट ने दोषी को सुनाई उम्रकैद की सजा~
*दरवाजे में करंट छोड़ने से गई मासूम बच्ची की जान*
~कोर्ट ने दोषी को सुनाई उम्रकैद की सजा~
बरेली। घर के दरवाजे में करंट छोड़ने से चार साल की बच्ची मौत के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
घटना किला थाना क्षेत्र के बाकरगंज में चार अगस्त 2023 को हुई थी। बच्ची के चाचा इरफान रजा की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी चार साल की भतीजी हिफजा घर के बाहर खेल रही थी। बब्लू ऊर्फ शमशेर अली ने अपने घर के दरवाजे में करंट छोड़ रखा था। बच्ची खेलते हुए वहां गई और दरवाजा छूते ही करंट की चपेट में आकर उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर शमशेर अली को गिरफ्तार कर लिया। विवेचना में पाया गया कि वह बिजली की चोरी करता था। उसके यहां बिजली का कोई कनेक्शन नहीं था। 17 नवंबर 2023 को आरोपपत्र दाखिल किया गया। अभियोजन की ओर से सात गवाह और 15 साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। न्यायालय ने गवाहों को सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद दोषी शमशेर अली को सजा सुनाई है।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि संतान प्राप्ति के लिए माता-पिता विभिन्न प्रकार की दुआएं, प्रार्थनाएं आदि करते हैं। हिफजा के माता-पिता की वेदना को शायद ही शब्दों में व्यक्त किया जा सके। बेटियां घर का मान और अपने माता-पिता का सम्मान होती हैं। मां के आंचल की छांव में पलने वाली बेटियां पिता की आशाओं का आसमान होती हैं।
दोषी में दया और भावनाओं का घोर का अभाव है। चार वर्षीय मासूम की हत्या की गई है। उसने अभी इस दुनिया में कदम रखा था। यदि लोगों को यह आजादी दी गई कि वह बिजली की धड़ल्ले से चोरी करके सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाएं और करंट से निर्दोष की जान भी ले लें तो समाज में भय एवं अराजकता का वातावरण उत्पन्न हो जाएगा।