logo

आवारा गर्दी पर लानत है लेकिन, एक गली में आना जाना चलता है। वो बहाने से हमें हर दिन बुलाने आ गये, शाइरी के वास्ते मौजूं सुहाने आ गये. ....

इस कदर डूबे हैं वो हमारे प्यार में, उनकी गजलों में हमारे ही फसाने आ गये, अनसुनी कर दी जो हमने आज उनकी बात को,होश इक झटके में ही उनके ठिकाने आ गये, उस घड़ी हमको मोहब्बत का भरम रखना पड़ा, जब हमारे हमनवां हमको मनाने आ गये, आ गये दीवार वो अपनी अना की तोड़कर ,लौट कर लगता है पहले से जमाने आ गये, खुद को तन्हा जान कर मायूस मत होना कभी, साथ हम हर मोड़ पर तेरा निभाने आ गये, प्यार में इक दूसरे के हमको डूूबा देख कर, कुछ सयाने लोग सागर बरगलाने आ गये. ...पं धनेन्द्र मिश्र रिपोर्टर विनय सागर जयसवाल जी की लिखी हुई एक प्रेरक गजल

13
4076 views