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सूरत बदोली कदोद गाम मैं इज़्तेमा की दुआ

14 जनवरी 2025: सूरत, बडोली के कडोद गांव में इज्तिमा की आखिरी दुआ

आज 14 जनवरी 2025 को सूरत जिले के बडोली स्थित कडोद गांव में आयोजित इज्तिमा का आज आखिरी दिन है। इस दिन सुबह 10 बजे होने वाली आखिरी दुआ सभी के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जिसमें लाखों लोग अपनी दुआएं अल्लाह तक पहुंचाएंगे, ताकि उन्हें दुनिया और आख़िरत में सफलता और शांति मिले। यह आयोजन हर व्यक्ति के दिल में रूहानी सुकून और उम्मीद का संचार करता है।

इज्तिमा का धार्मिक और सामाजिक महत्व
इज्तिमा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह समाज में भाईचारे, एकता और शांति का संदेश फैलाने का भी एक बेहतरीन अवसर है। कडोद गांव में आयोजित इस इज्तिमा ने वहां उपस्थित सभी लोगों को अपनी आत्मा की सफाई और अल्लाह से निकटता प्राप्त करने का मौका दिया है। यहां आने वाले लोग अपने गुनाहों से तौबा करते हुए और समाज के लिए बेहतर भविष्य की दुआ करते हैं।

आखिरी दुआ के वक्त, जब लोग सामूहिक रूप से अल्लाह से अपने दिल की गहराई से दुआ करेंगे, तो यह पल हर किसी के दिल को शांति और सुकून प्रदान करेगा। इस दुआ का असर न केवल व्यक्तिगत रूप से, बल्कि पूरे इलाके में अमन, भाईचारे और खुशहाली का संदेश लेकर आएगा।

ट्रैफिक संचालन में प्रशासन और स्थानीय लोगों की मदद
इज्तिमा के इस बड़े धार्मिक आयोजन में भारी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं, जिससे ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। इसको लेकर प्रशासन ने पहले से ही व्यापक इंतजाम किए थे, लेकिन ट्रैफिक की सहज और व्यवस्थित बहाव के लिए स्थानीय लोगों ने भी अहम भूमिका निभाई।

कडोद गांव के आस-पास के इलाकों में ट्रैफिक का सही संचालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने विशेष व्यवस्था की थी, लेकिन स्थानीय निवासियों ने भी इस काम में बढ़-चढ़कर मदद की। वे ट्रैफिक को नियंत्रित करने, मार्गदर्शन करने और श्रद्धालुओं को सही रास्ते पर भेजने में प्रशासन की मदद कर रहे थे। इस सामूहिक प्रयास से न केवल इज्तिमा में शामिल होने वालों को राहत मिली, बल्कि सड़क पर भीड़-भाड़ कम रही और यात्रा आसान हो पाई।

साथ ही, पार्किंग व्यवस्था, पैदल रास्ते और ट्रैफिक डायवर्जन के लिए स्थानीय लोग प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे थे, ताकि इज्तिमा में भाग लेने वालों को कोई असुविधा न हो। इसके अलावा, सड़क पर मौजूद गाड़ियों और पैदल चलने वालों के लिए भी सुरक्षा इंतजाम किए गए थे, जिससे यात्रा सुचारू रूप से चलती रही।

इज्तिमा का संदेश और सामूहिक प्रयास
यह इज्तिमा हम सभी को यह सिखाता है कि समाज में एकता और सहयोग से ही हम किसी भी बड़े कार्य को आसानी से और सही तरीके से पूरा कर सकते हैं। आज के इज्तिमा ने हमें एकजुटता, भाईचारे और सामूहिक प्रयास का सही अर्थ समझाया।
(Aima media reporter Manzoor Alam)

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