34 साल के मास्टर विजय सिंह धरने पर 59 वर्ष के हो गए
34 साल की उम्र में 26 फरवरी 1996 से मुजफ्फरनगर के कलक्ट्रेट में दबंगों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा कर लेने वालों से उसे मुक्त कराने हेतु धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह अब 59 वर्ष के हो गए हैं। चौसाना गांव में सरकारी भूमि घेरने के आरोपों की अप्रैल 2019 में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे। समाचारों के अनुसार एसडीएम की जांच में सभी आरोप सही पाए गए, लेकिन जमीन मुक्त नहीं हो पाई। ऐसा क्यों हो रहा है यह तो सरकार ही जान सकती है। इस अवधि में 23 साल पूरे हो जाने के बाद चकबंदी कार्यालय के सामने बरामदे से मास्टर विजय सिंह को उस समय की जिलाधिकारी सैल्वा कुमारी द्वारा उन्हें हटा दिए जाने के उपरांत लालसिंह मार्केट की चौथी मंजिल पर उनके द्वारा सत्याग्रह आश्रम बनाया गया। जहां आज भी वो धरने पर बैठे बताए जाते हैं।
अग्निपथ फिल्म के किरदार मास्टर दीनानाथ चौहान के समान मास्टर जी ने भी अपनी जवानी के काफी साल सरकार का ध्यान घेरी गई जमीन की ओर दिलाने में लगा दिए लेकिन बताते हैं कि कुछ प्रभावशाली नेताओं के दखल के चलते मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद भी वो जमीन मुक्त नहीं हो पाई। गत दिवस मास्टर जी के धरने की जयंती मनाई गई तथा उनके धैर्य और संयम की प्रशंसा करते हुए आर्य समाज मंदिर में एक कार्यक्रम में कुछ लोगों ने उन्हें उपहार भेंट किए तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रेरित किया। यहां कंुवर देवराज पंवार ने मास्टर विजय सिंह को शाॅल ओढ़ाकर उनके आंदोलन की सराहना की। इन बीते 25 सालों में कई सरकारें आई और गई। कुछ ने पूरे पांच साल किए तो कुछ बीच में ही सत्ता परिवर्तन में बदल गई लेकिन सबने अपने कार्यकाल में ईमानदारी कर्तव्यनिष्ठा का खूब ढिंढोरा पीटा।
भू माफियाओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने के दावे भी खूब हो रहे हैं और जनपदों में इस संदर्भ में बैठकें भी होती हैं। भूमाफिया चिन्हित भी होते हैं लेकिन कार्रवाई कितनी होती है इसका अंदाज मास्टर विजय सिंह के धरने की अवधि को देखकर लगाया जा सकता है। क्योंकि चैसाना गांव की सरकारी भूमि दबंगों द्वारा कब्जाने के आरोप मास्टर जी द्वारा लगाए जा रहे हैं जो सीधे भूमाफियाओं से संबंध मामले हैं। उसके बावजूद आखिर मास्टर जी धरने पर क्यों बैठे तो इसका जवाब मुजफ्फरनगर प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से मुख्यमंत्री जी को मांगना चाहिए और सरकार की भ्रष्टाचार मिटाने के संकल्प को ध्यान में रखते हुए इस प्रकरण में दोषी लोगों को जेल भेजकर जमीन खाली कराने के साथ ही उनसे जुर्माना भी वसूल किया जाना चाहिए। वरना जितने दिन भी मास्टर विजय सिंह का धरना चलेगा उतने दिन यह स्पष्ट होता रहेगा कि हाथी के दांत दिखाने और खाने के और वाली कहावत पहले भी चल रही थी और आज भी।
मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री जी को इस संदर्भ में स्वयं संज्ञान लेकर इस प्रकरण में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और सरकार की तरफ से मास्टर विजय सिंह का सम्मान किया जाए।
– रवि कुमार विश्नोई
सम्पादक – दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
अध्यक्ष – ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन
आईना, सोशल मीडिया एसोसिएशन (एसएमए)
MD – www.tazzakhabar.com