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कोरबा गोपाल सोनी हत्याकांड गुत्थी सुलझी दो आरोपी गिरफ़्तार एक फ़रार

छत्तीसगढ़ कोरबा-मृतक सोनी का ड्राइव्हर और उसका भाई निकला मास्टर माइंड
300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के विश्लेषण के बाद हुई आरोपियों की पहचान
आईजी शुक्ला, एसपी तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली, गोपाल राय हत्याकांड का किया खुलासा
कोरबा। गत 05 जनवरी की रात्रि 9.30 से 10.00 बजे के बीच कोरबा के जाने माने सराफा कारोबारी गोपालराय सोनी की हत्या के मामले में आज बिलासपुर आईजी डॉ. संजीव शुक्ला, एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में पत्रकार वार्ता ली और हत्याकांड का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार करने की जानकारी दी।
आईजी संजीव शुक्ला ने बताया कि मृतक का ड्राइव्हर और उसका भाई (पूर्व ड्राइव्हर) ही हत्याकांड का मास्टरमाइंड निकले। पुलिस ने ड्राइव्हर आकाश गोस्वामी और मोहन मिंज को गिरफ्तार किया है। जबकि सूरज गोस्वामी फरार है। पुलिस ने हुंडई क्रेटा कार एवं उसकी पत्नी से लूटा गया मोबाईल बरामद कर लिया है, जबकि मृतक गोपालराय सोनी का मोबाईल सूरज के पास है और अटैची को दर्री डेम में आरोपियों द्वारा फेंक दिया गया है। आरोपी सूरजपूरी गोस्वामी की पतासाजी के लिए अलग-अलग टीमें संभावित ठिकानों की ओर रवाना कर दी गई है और फरार आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने का दावा आईजी ने किया है।
दुकान लूटने की थी साजिश
आईजी डॉ. संजीव शुक्ला एवं एसपी ने बताया कि गोपालराय सोनी की हत्या की मंशा आरोपियों की नहीं थी, लेकिन जब पूर्व ड्राइव्हर सूरजपुरी गोस्वामी, उसका भाई ड्राइव्हर आकाशपुरी गोस्वामी और मोहन मिंज घर के अंदर दीवार फांद कर अंदर घूसे तो मृतक गोपालराय सोनी ने सूरजपुरी गोस्वामी को घर के अंदर स्थापित मंदिर के पास छुपते हुए देख लिया और भांडा फूटने के डर से सूरजपुरी गोस्वामी तथा उसका भाई आकाशपुरी गोस्वामी ने तीन फलक हथियार से गोपालराय सोनी पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया और स्पाट पर ही उसकी मौत हो गई। गोपालराय सोनी फर्श पर बेहोश पड़े हुए थे और चारों तरफ खून बह रहा था। जब घर वालों को पता चला और उसका पुत्र नचीकेता सोनी अपने निवास स्थान लालूराम कालोनी पहुंचा और ड्राइव्हर को फोन किया कि गाड़ी कहां है, तो ड्राइव्हर आकाश ने फोन पर बताया कि चाबी जहां रखी होती है,वहीं रखकर आ गया हूं। आरोपी आकाश गोस्वामी ने बताया कि सूरज को बहुत सारा कर्ज हो गया था और गोपालराय सोनी अपनी अटैची में चाबी रखते थे, जिसे हासिल करना उनका लक्ष्य था और रात को दुकान अमृता ज्वेलर्स लूटने की रणनीति थी, लेकिन गोपालराय ने आकाश और सूरज को देख लिया था, जिसके कारण उन्हें मारना पड़ा।
डीडीएम रोड से बालको पहुंचे आरोपी
तीनों आरोपी मृतक की कार के्रटा क्रमांक जेएच-01, सीसी-4455 पर सवार होकर डीडीएम रोड होते हुए नदिया खार, रूमगरा होते हुए परसाभांठा लालघाट पहुंचे और सूरज ने अपने दोस्त दीपक को कहा कि हम लोग दारू भी लालघाट के पास हैं, हमें घर छोड़ दो। दीपक ने तीनों आरोपियों को उनके घर छोड़ा और रात भर वे अपने घर में ही थे। बाद में वे फरार हो गए। सूरज, आकाश एवं मोहन मिंज तीनों ही अस्थायी रूप से कुंआ भा में रह रहे थे और घटना को अंजाम दिया।
80 से अधिक पुलिस कर्मी घटना का पर्दाफाश करने में लगी थी
आईजी ने बताया कि 80 से अधिक पुलिस कर्मियों की 14 टीम बनायी गई थी और कम समय में ही मामले का खुलासा हो गया। पुलिस सहायता केन्द्र सीएसईबी चौकी में धारा 103 (1), 307, 309 (4), 332 (क), 333, बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया और इसी धारा के तहत सिविल लाईन थाना में अपराध क्रमांक 12 दर्ज किया गया और आरोपियों की धरपकड़ शुरू की गई। नृशंस हत्याकांड का खुलासा होने के बाद आईजी ने एसपी सहित टीम के सभी सदस्यों का सम्मान करने की बात कही और कहा कि पुलिस महानिदेशक से इस हत्याकांड का खुलासा करने के लिए टीम को सम्मानित करने का आग्रह किया जाएगा। मामले का खुलासा करने में एसपी सिद्धार्थ तिवारी, एएसपी यूगेश चौहान,रविन्द्र कुमार मीणा, सीएसपी कोरबा भूषण एक्का, सीएसपी दर्री विमल पाठक सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका सराहनीय रही।
हथियार और अटैची भी जल्द होगी जप्त
आईजी श्री शुक्ला ने बताया कि आरोपियों ने गोपालराय सोनी की अटैची को दर्री डेम में फेंका था और उसे खोजने गोताखोर लगाया गया है। पानी पेयजल के लिए स्टोर किया गया है, जिसे हम खाली नहीं करा सकते और गोताखोर अटैची को ढूंढने में लगे हुए हंै। आईजी और एसपी ने बताया कि हथियार सूरज के पास है और उसकी गिरफ्तारी के बाद हथियार भी बरामद कर लिया जाएगा।
एक सप्ताह पूर्व से कर रहे थे रेकी
आईजी और एसपी ने बताया कि ड्राइव्हर आकाश गोस्वामी और उसका भाई सूरज गोस्वामी, अपराधी मोहन मिंज के साथ दुकान लूटने के लिए गोपाल राय से दुकान की चाबी हथियाने की साजिश एक सप्ताह पूर्व से कर रहे थे और एक सप्ताह से इसमें लगे हुए थे। लालूराम कालोनी स्थित निर्माणाधीन मकान के पास लगे मजदूरों के साथ ही ये आरोपी बैठक कर रेकी कर रहे थे लेकिन कामयाब नहीं हो सके और 5 जनवरी को ये तीनों दीवार फांदकर मृतक के घर पहुंचे, लेकिन गोपालराय सोनी ने घर में घूसे सूरज और आकाश को पहचान लिया था और पहचानने के कारण ही आरोपियों ने गोपालराय सोनी की नृशंस हत्या कर दी।
कर्ज में डूबा था सूरज
आईजी ने बताया कि आरोपियों की मंशा दुकान लूटने की थी और गोपालराय से दुकान की चाबी हासिल करना थी लेकिन आरोपियों की पहचान गोपालराय ने कर ली थी, जिसके कारण आकाश और सूरज ने गोपालराय को त्रिफलक हथियार से मार दिया। आईजी ने बताया कि मास्टरमाइंड आकाश और सूरज ने कई मामलों के अपराधी मोहन मिंज को गेयर में लिया और इस हत्याकांड को अंजाम दिया। चूंकि सूरज कर्जा में डूबा हुआ था और कर्ज से राहत पाने दुकान लूटने की नियत थी, लेकिन वे सफल नहीं हुए और गोपालराय को मार दिया।

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