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गड़बड़झाला🌟 बरही के पिपरिया कला धान खरीदी केंद्र प्रभारी पर किसानों ने लगाया कमीशनखोरी का आरोप, उपज बेचने के बाद काट ली गई धान, तहसीलदार को सौंपा सपथ पत्र, कार्रवाई की मांग



कटनी। बरही तहसील क्षेत्र के पिपरिया कला में संचालित धान खरीदी केंद्र में पदस्थ प्रभारी व आपरेटर पर किसानों ने मनमानी व कमीशन खोरी का आरोप लगाया है। धान खरीदी केंद्र में किसानों के साथ खुलेआम लुटाई चल रही है। तुलाई व सिलाई के नाम पर कमीशनखोरी की गई है। किसानों ने बताया कि 40 किलो 200 ग्राम के जगह 41 किलो 200 ग्राम धान की तौल की गई है। पीड़ित किसानों ने शपथ पत्र में खरीदी केंद्र प्रभारी सचिन दिवेदी, पवन जयसवाल एवं आपरेटर कमलनाथ यादव पर मनमानी और भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है।
किसान रामगोपाल प्रसाद पिता सुंदरलाल पटेल उम्र 70 वर्ष निवासी पिपरिया कला ने सपथ पत्र तहसीलदार को सौंपा है। जिसमे उल्लेख किया है कि धान की तुलाई व बोरी की सिलाई के नाम पर 6560 रुपए व 5000 रुपए अलग से लिया गया है, वहीं 10 बोरी धान आपरेटर के द्वारा काट ली गई है। पीड़ित किसान संतोष कुमार पिता स्व राम स्वयंवर कचेर उम्र 53 साल निवासी पिपरिया कला ने बताया कि 465 बोरी धान तुलाई व सिलवाई जिसमे 3720 रुपए का भुगतान किया, वहीं 41 किलो 200 ग्राम धान की तौल किया गया है। किसान बुद्धू लाल पटेल पिता हरिया पटेल उम्र 85 वर्ष निवासी डरौडी ने बताया कि धान की तुलाई व सिलाई के नाम पर 2700 रुपए लिया गया है, लेकिन धान नही चढाई गई। उनसे 41 किलो 200 ग्राम धान तुलाई की गई है। किसान उमेश चक्रवर्ती पिता कनछेदी चक्रवर्ती उम्र 35 साल निवासी पिपरिया कला ने बताया कि 28 जनवरी 2023 को धान बेचा था, आज दिनांक तक पैसा नही मिला। पीड़ित किसानों ने बताया कि खरीदी केंद्र प्रभारी कहते है कि हमारी उपर तक पहुंच है। अधिकारियों से लेकर नेताओं को मैनेज करते है। आप कहीं शिकायत करो कुछ नही होगा। पीड़ित किसानों ने मामले कि शिकायत कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार को लिखित आवेदन एवं सपथ पत्र के माध्यम से की है। उन्होंने मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग किया है।
लूट रहे किसान
जिस तरह का घटनाक्रम पिपरिया कला धान खरीदी केंद्र में देखने को मिल रहा है, कुछ इसी तरह के हालात कटनी जिले के अन्य लगभग सभी खरीदी केंद्रों में देखे जा सकते है। खुलेआम अन्नदाता के साथ हो रही लूट खसोट में आखिर अधिकारियों ने क्यों चुप्पी साध रखी है यह बात समझ से परे है। जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा बढ़ती जा रही चुप्पी कुछ हद तक कहानी को बयां करती है। इससे यह कहना गलत नहीं होगा कि खरीदी केंद्र प्रभारी जो दावा कर रहे हैं, वह एकदम सही है।

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