ठूठीबारी के कोतवाल की मनमानी चरम पर, DGP के निर्देशों की उड़ायी धज्जियां, पहले किया गया निषाद महिला को अर्धनग्न, फिर कर दी गयी हत्या लेकिन अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी
ठूठीबारी के बोदना गाँव का पूनम हत्याकांड लगातार सुर्ख़ियों में बना हुआ है, लगभग 20 दिन बाद भी पुलिस ने जानबूझकर अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है और अब मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाने की तैयारी है। AIMA MEDIA न्यूज़ पर पूरी खबर
निचलौल (महराजगंज): ठूठीबारी के कोतवाल उमेश कुमार की इन दिनों जिले के कप्तान से लेकर यूपी पुलिस के डीजीपी तक की कार्यशैली के ठीक विपरित काम रहे हैं। इसको लेकर जगह-जगह चर्चाओं का बाजार गर्म है।
AIMA MEDIA संवाददाता के अनुसार मामला ठूठीबारी थाने के बोदना गाँव के नवडिहवा टोला का है। यहां रहने वाली एक निषाद महिला पूनम साहनी का पहले 19 दिसम्बर को अपहरण किया जाता है। थाने पर परिजन सूचना देते हैं लेकिन कोतवाल कुछ नहीं करते। नतीजा कुछ दिन बाद ही महिला की दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी जाती है और लाश बरामद होती है गाँव के पोखरे से। हत्या से पहले बेहद निर्ममता से महिला का कान तक काट दिया जाता है।
मुकदमा दर्ज कर की खानापूर्ति
इसके बाद भी कोतवाल कुछ नहीं करते। ग्रामीण हो-हल्ला मचाते हैं तब जाकर किसी तरह कोतवाल ने मुकदमा तो दर्ज किया लेकिन आज तक कोई गिरफ्तारी नहीं। उल्टे हत्यारों को बचाने में जुटे हैं। गांव-गांव कोतवाल उमेश कुमार की इस कार्यशैली की चर्चा हो रही है।
हत्यारों को अब तक कोतवाल ने नहीं किया गिरफ्तार
सबसे हैरानी की बात तो यह है कि निषाद महिला की हत्या के कुछ दिन पहले गाँव में जमीनी विवाद को लेकर इस मृतका को अर्धनग्न कर घसीटा गया था। तब भी अपराधी यही थे, इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब जाकर पुलिस ने खानापूर्ति के नाम पर मुकदमा तो दर्ज किया लेकिन अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया।
अगर किया होता गिरफ्तार तो बच जाती जान
कोतवाल की इस भयानक लापरवाही का नतीजा रहा कि अब महिला की हत्या हो गयी है।
इस मामले में AIMA MEDIA की टीम जब गाँव में पहुंची तो परिजनों ने थानेदार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपियों पर हत्या समेत कई मुकदमा दर्ज होने के बावजूद भी ठूठीबारी थानेदार हत्यारोपियों की गिरफ़्तारी के बजाय लगातार उन्हें प्रश्रय दे रहे है और अब थानेदार गाँव वालों का बयान लेकर मुक़दमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने की नापाक कोशिश कर रहे हैं।
1 डिसमिल जमीन बना पूनम साहनी के हत्या का कारण
AIMA MEDIA से बातचीत के दौरान परिजनों ने बताया कि घर के सामने एक डिसमिल ग्रामसभा की जमीन है जिस पर पूनम साहनी और हत्यारोपी दोनों का कब्जा था। ग्राम सभा की बैठक में निर्णय लिया गया था कि दोनों लोग जमीन से अपना-अपना कब्ज़ा हटा लें।
फाइनल रिपोर्ट लगाने की कोशिश में जुटे थानेदार
मृतका पूनम साहनी ने तो कब्ज़ा हटा लिया लेकिन जिसके ऊपर हत्या का आरोप है वह ग्राम प्रधान की शह पर कब्ज़ा बरक़रार रख रहा था जिसका विरोध करना पूनम साहनी को इतना भारी पड़ गया कि उसे अपनी जान गंवानी पड़ी और अब उसके परिजन न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।