केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि सरकार मार्च 2025 तक सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस इलाज की एक संशोधित योजना पेश करेगी
इस योजना के तहत घायल का प्रति दुर्घटना, प्रति व्यक्ति अधिकतम ₹1.5 लाख तक का इलाज कैशलेस होगा। यह सुविधा दुर्घटना की तारीख से अधिकतम 7 दिनों की अवधि तक उपलब्ध रहेगी।
इस योजना का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को त्वरित और सुगम चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है।
आँकड़ों की बात करें तो, देशभर में हुए सड़क हादसों में पिछले साल 2024 में 1 लाख 80 हजार मौतें हुई हैं। मृतकों में 66% लोग 18 से 34 साल के युवा थे। अगर समय पर इलाज मिल जाता तो इनमें से कई लोगों को बचाया जा सकता था।केंद्र सरकार की कैशलेस ट्रीटमेंट योजना के बारे में:
यह योजना सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर और बिना किसी आर्थिक बाधा के चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
♠️ योजना की मुख्य बातें:
♦️ शुरुआत:
▪️14 मार्च 2024 को चंडीगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया।
▪️चंडीगढ़ में इस योजना की सफलता के बाद इसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक बढ़ाया गया।
♦️ घोषणा: 7 जनवरी 2025 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस योजना को देशभर में लागू करने की घोषणा की।
♦️ कैशलेस इलाज की सुविधा:
▪️₹1.5 लाख तक कैशलेस इलाज का प्रावधान।
▪️यह सुविधा सड़क दुर्घटना के घायल पीड़ितों को अस्पताल में 7 दिनों तक के इलाज के लिए उपलब्ध होगी।
▪️इलाज का खर्च भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
लक्ष्य और महत्व:
▪️समय पर चिकित्सा सुविधा: सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को त्वरित इलाज दिलाने के लिए यह योजना महत्वपूर्ण है।
▪️आर्थिक सहायता: कैशलेस इलाज के कारण पीड़ित और उनके परिवार को आर्थिक कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
▪️राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार: देशभर में लागू होने से सभी राज्यों में सड़क सुरक्षा और चिकित्सा सहायता का स्तर बेहतर होगा।
♦️ योजना का प्रभाव: यह पहल सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ी मौतों और गंभीर चोटों को कम करने में सहायक होगी और यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी घायल व्यक्ति इलाज के अभाव में न रह जाए।
🔖 एक्सीडेंट होने पर इस योजना का फायदा कैसे मिलेगा?
कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए एक्सीडेंट के 24 घंटे में पुलिस को सूचना देना जरूरी इस स्कीम का फायदा लेने के लिए 3 स्टेप्स फॉलो करने जरूरी हैं...
♦️ पहला : अस्पताल में भर्ती
▪️दुर्घटना के तुरंत बाद घायल व्यक्ति को निकटतम लिस्टेड अस्पताल में भर्ती कराना होगा।
▪️केंद्र सरकार इस योजना के तहत मान्यता प्राप्त अस्पतालों की सूची जारी करेगी।
♦️ दूसरा : पुलिस को सूचना देना
▪️दुर्घटना के 24 घंटे के भीतर संबंधित पुलिस स्टेशन को सूचना देना आवश्यक है।
▪️पुलिस को दुर्घटना की पूरी जानकारी, घायल की स्थिति और अन्य संबंधित विवरण प्रदान करना होगा।
▪️यदि 24 घंटे के अंदर पुलिस को सूचित नहीं किया गया, तो योजना के तहत कैशलेस इलाज का लाभ नहीं मिलेगा।
♦️ तीसरा : डॉक्यूमेंटेशन
▪️घायल के अस्पताल में भर्ती होने के बाद डॉक्यूमेंटेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
▪️इसमें पुलिस रिपोर्ट और घायल व्यक्ति का पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि) जमा करना होगा।
🔖 योजना के अंतर्गत क्या-क्या इलाज हो सकेगा?
कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम के तीनों स्टेप्स फॉलो करने के बाद घायल को 1.5 लाख रुपए जारी कर दिए जाएंगे। जिससे एक्सीडेंट होने के दिन से अगले 7 दिनों तक 1.5 लाख रुपए का फ्री इलाज किया जाएगा। इस योजना में निम्नलिखित सेवाएँ शामिल हैं:
♦️ हॉस्पिटलाइजेशन: घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने पर एडमिशन फीस नहीं देनी होगी।
♦️ इमरजेंसी मेडिकल सर्विस: एक्सीडेंट के तुरंत बाद आवश्यक फर्स्ट एड और अन्य आपातकालीन सेवाएँ मुफ्त प्रदान की जाएंगी।
♦️ सर्जरी: गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए आवश्यकतानुसार सर्जरी की सुविधा मुफ्त उपलब्ध होगी।
♦️ डायग्नोस्टिक टेस्ट्स: महंगे और आवश्यक परीक्षण जैसे:
▪️एक्स-रे
▪️सीटी स्कैन
▪️MRI
▪️ये सभी मुफ्त कराए जाएंगे।
♦️ दवाइयाँ: अस्पताल में उपचार के दौरान दी जाने वाली सभी दवाइयाँ मुफ्त होंगी।
♦️ रिहैबिलिटेशन सर्विस: इलाज के बाद आवश्यक फिजियोथेरेपी और अन्य पुनर्वास सेवाएँ मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी।
♦️ एक्सपर्ट कंसलटेशन: एक्सपर्ट डॉक्टरों द्वारा विशेष सलाह और उपचार मुफ्त प्रदान किया जाएगा।
🔖 यह योजना सिर्फ घायलों के लिए है या मृत्यु पर भी कुछ मिलेगा?
इस योजना के तहत रोड एक्सीडेंट से मौत होने पर परिजनों को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। भारत सरकार ने मुख्य रूप से हिट एंड रन जैसे मामलों में 2 लाख रुपए देने का प्रावधान बनाया है। इसके लिए परिवार वालों को 4 चरण फॉलो करने होंगे।
♠️ आवेदन प्रक्रिया के लिए 4 मुख्य चरण:
♦️ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराना: दुर्घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराना अनिवार्य है।
♦️ जरूरी दस्तावेज तैयार करना: निम्नलिखित दस्तावेज तैयार करें
▪️पुलिस रिपोर्ट की कॉपी
▪️सक्सेशन सर्टिफिकेट (उत्तराधिकार प्रमाणपत्र)
▪️अन्य आवश्यक पहचान और वैध दस्तावेज।
♦️ मंत्रालय में आवेदन जमा करना:
▪️सभी दस्तावेज़ों को तैयार करने के बाद, इन्हें सड़क और परिवहन मंत्रालय के संबंधित कार्यालय में जमा करें।
▪️आवेदन प्रक्रिया पूरी करें।
♦️ आर्थिक सहायता प्राप्त करना: आवेदन प्रक्रिया और दस्तावेज़ सत्यापन के बाद, तय दिनों के भीतर मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
🔊महत्वपूर्ण बातें:
▪️योजना मुख्य रूप से हिट एंड रन मामलों में सहायता प्रदान करने के लिए लागू की गई है।
▪️सहायता राशि केवल मृतक के कानूनी उत्तराधिकारियों (Legal Heirs) को दी जाएगी।
▪️दस्तावेज़ सत्यापन और प्रक्रिया की निगरानी संबंधित मंत्रालय द्वारा की जाएगी।
🔖 कैशलेस ट्रीटमेंट योजना कब लागू होगी?
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 7 जनवरी 2025 को घोषणा की कि कैशलेस ट्रीटमेंट योजना मार्च 2025 तक देशभर में लागू कर दी जाएगी।
♠️ योजना लागू करने की तैयारियां:
♦️ संशोधन और आईटी प्लेटफॉर्म:
▪️योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए संबंधित कानूनों और प्रक्रियाओं में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।
▪️एक आईटी प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा, जो सड़क परिवहन विभाग, पुलिस, अस्पतालों, और राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करेगा।
♦️ मोबाइल एप्स का सहयोग: योजना को लागू करने और इसे उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए दो मोबाइल एप्स का उपयोग किया जाएगा
💡e-DAR एप्लिकेशन (e-Detailed Accident Report):
▪️यह एप्लिकेशन 10 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया था।
▪️इसका उद्देश्य एक्सीडेंट की रिपोर्टिंग और डेटा कलेक्शन को सुव्यवस्थित करना है।
💡NHA का ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम:
▪️इसे मार्च 2024 में लॉन्च किया गया।
▪️यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम के साथ मर्ज होगा।
▪️इस प्लेटफॉर्म के जरिए कैशलेस इलाज की प्रक्रिया को आसान और प्रभावी बनाया जाएगा।
🔖 क्या इसके लिए अलग से कोई कार्ड या डॉक्यूमेंट्स बनवाने होंगे?
♦️ नहीं। दूसरी योजनाओं की तरह इस योजना का फायदा लेने के लिए अलग से कोई कार्ड या डॉक्यूमेंट्स नहीं बनवाने होंगे। इस योजना के तहत दुर्घटना होने पर घायल को सीधे अस्पताल ले जाकर भर्ती करवाना होगा। इसके बाद डॉक्यूमेंटेशन की प्रोसेस पूरी करने के बाद योजना का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा।
🔖 क्या आयुष्मान कार्डधारकों को अलग से इस योजना का फायदा मिलेगा?
♦️ केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत आयुष्मान कार्डधारकों को अलग से फायदा देने पर कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि नितिन गडकरी ने कहा है कि कैशलेस ट्रीटमेंट योजना सभी लोगों के लिए लॉन्च की जाएगी। इससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आयुष्मान कार्डधारकों को इस योजना का अलग से फायदा मिलेगा।🔖 भारत में रोज़ाना दुर्घटना एवं मौत के आंकड़े:
दिसंबर 2024 में सड़क और परिवहन मंत्रालय ने ‘रोड एक्सीडेंट इन इंडिया 2022’ रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 5 साल में सड़क हादसों में 7.77 लाख मौतें हुई। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 1.08 लाख मौतें हुई। इसके बाद तमिलनाडु 84 हजार मौत और महाराष्ट्र 66 हजार मौत के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर है। 2021 में देश में सड़क हादसों में 1,53,972 मौतें हुई थीं, जो 2022 में बढ़कर 1,68,491 हो गईं।
📊 'रोड एक्सीडेंट इन इंडिया 2022' रिपोर्ट - सड़क और परिवहन मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2024 में जारी
🚗 दुर्घटनाओं में मौतों का आंकड़ा (2018-2022):
♦️ 5 वर्षों में कुल मौतें: 7.77 लाख
♦️ 2022 में कुल सड़क हादसे: 4,61,312
♦️ इनमें से 33.8% (1,55,781) हादसे जानलेवा थे।
▪️मृतक: 1,68,491
▪️घायल: 4,43,366
♠️ राज्यों के हिसाब से सड़क दुर्घटनाओं में मौतें (2018-2022):
▪️उत्तर प्रदेश: 1,08,882 मौतें
▪️तमिलनाडु: 84,316 मौतें
▪️महाराष्ट्र: 66,370 मौतें
▪️मध्य प्रदेश: 58,580 मौतें
▪️कर्नाटक: 53,448 मौतें
▪️राजस्थान: 51,280 मौतें
▪️आंध्र प्रदेश: 39,058 मौतें
▪️बिहार: 36,191 मौतें
▪️तेलंगाना: 35,565 मौतें
▪️गुजरात: 36,626 मौतें
♦️ सड़क हादसों में वृद्धि:
▪️2021 में सड़क हादसों में 1,53,972 मौतें हुईं, जबकि 2022 में यह बढ़कर 1,68,491 हो गईं।
▪️11.9% हादसों में वृद्धि (2021 से 2022 तक)
▪️मृतकों की संख्या में 9.4% और घायलों में 15.3% की बढ़ोतरी
♦️ नेशनल हाईवे पर स्थिति:
▪️देश के 5% हिस्से का नेटवर्क हाईवे है, लेकिन इन पर 55% सड़क हादसे और 60% मौतें होती हैं।
▪️2022 में 32.9% हादसे और 36.2% मौतें नेशनल हाईवे पर हुईं।
♦️ सालवार दुर्घटनाएँ और मौतें:
▪️2018: 4,70,403 हादसे | 1,57,593 मौतें
▪️2019: 4,56,959 हादसे | 1,58,984 मौतें
▪️2020: 3,72,181 हादसे | 1,38,383 मौतें
▪️2021: 4,12,432 हादसे | 1,53,972 मौतें
▪️2022: 4,61,312 हादसे | 1,68,491 मौतें
⚠️ सड़क दुर्घटनाओं में निरंतर वृद्धि चिंता का विषय है, और इससे संबंधित सुरक्षा उपायों को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।
🔖 गोल्डन आवर: दुर्घटना में जान बचाने का महत्वपूर्ण समय
1980 में अमेरिकी सैन्य सर्जन आर एडम काउली द्वारा 'गोल्डन आवर' शब्द को लोकप्रिय किया गया था। इसका मतलब है- एक्सीडेंट या गंभीर चोट के बाद पहला घंटा। इस दौरान यदि घायल को समय रहते इलाज मिल जाता है, तो जान बचने की संभावना बढ़ जाती है।
♦️ गोल्डन आवर में क्या करें:
🚑 घायल को तुरंत अस्पताल या एम्बुलेंस तक पहुंचाएं: दुर्घटना के बाद घायल व्यक्ति को जितना जल्दी हो सके अस्पताल या एम्बुलेंस तक पहुंचाना जरूरी है।
🤕 घाव से खून को रोकें: घायल के घाव से बहते खून को रोकने के लिए दवाइयां लगाकर घाव को साफ कपड़े से बांधें। यह खून बहने से रोकता है और जान बचाने में मदद करता है।
🙍🏻♂️ CPR दें यदि सांस लेने में परेशानी हो: अगर घायल व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो रही हो, तो CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) दें। यह उनके दिल और दिमाग को ऑक्सीजन देने में मदद करता है।
🏥 घायल को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं: घायल व्यक्ति को ज्यादा हाथ-पैर न हिलाने दें और उसे एक सुरक्षित स्थान पर ले जाएं ताकि उसे और ज्यादा चोट न लगे।
🔖 गोल्डन आवर की महत्वता:
गोल्डन आवर किसी भी घायल के लिए संजीवनी की तरह काम कर सकता है। समय रहते इलाज मिलने से वायरल या शारीरिक क्षति से बचा जा सकता है, इसलिए हादसे के पहले घंटे में घायल को सही इलाज देना बेहद जरूरी है।
सचिन दुबे एटा की रिपोर्ट