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सुप्रीम कोर्ट द्वारा दरगाह ख्वाजा साहिब मामले में सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन के पत्र पर लिया गया संज्ञान।

अयोध्या।
विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह अजमेर शरीफ को लेकर,अजमेर जिले की अदालत में दाखिल मुकदमे और देश भर में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के मकसद से, मस्जिदों को मंदिर बता मुकदमे दाखिल करने वालों पर, कार्रवाई करने हेतु, सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी द्वारा प्रेषित पत्र का संज्ञान उच्चतम न्यायालय द्वारा लिया गया है,तथा प्रार्थना पत्र को पीआईएल के रूप में दर्ज कर लिया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन उत्तर प्रदेश इकाई के प्रदेश उपाध्यक्ष सूफ़ी जाहिद खान वारसी बाबा ने बताया कि, दरगाह ख्वाजा साहिब को मंदिर बताकर दाखिल मुकदमे को,खारिज करने,और ऐसा करके माहौल खराब करने वालों पर कार्रवाई की मांग के साथ, सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने,एक पत्र सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश महोदय को लिखा था, उन्होंने कहा कि ऐन उर्स ख़्वाजा साहिब के मौके पर सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन के प्रार्थना पत्र का संज्ञान देश की सबसे बड़ी अदालत ने लिया है,और दरगाह शरीफ पर दाखिल किए गए मुकदमे को खारिज करने,तथा मुल्क का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए मस्जिदों को मंदिर बता कर लाए जा रहे मुकदमों को रोकने की मांग का प्रार्थना पत्र सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान लेते हुए उसे पीआईएल के रूप में दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह बात स्पष्ट है कि भारत की अदालतों से हमेशा न्याय मिला है,और देश के मुसलमानों ने हमेशा संविधान और कानून पर भरोसा किया है, उन्होंने इस मौके पर तमाम इंसानियत को उर्स ख़्वाजा साहिब की मुबारकबाद देते हुए,उर्स में जाने वाले लोगों से भारत की एकता,उन्नति और खुशहाली तथा, हिंदू मुस्लिम भाईचारे के लिए दुआ करने की अपील की है,इस मौके पर उन्होंने सूफी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी,और सभी पदाधिकारियों को बधाई दी।

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