कादरचौक मार्ग को भदरौल मार्ग के जरिए हाईवे को जोड़ने वाले मिनी बाइपास की सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है।
बदायूँ हर पल न्यूज़
उझानी। कादरचौक मार्ग को भदरौल मार्ग के जरिए हाईवे को जोड़ने वाले मिनी बाइपास की सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। इस मार्ग पर करीब आठ माह पहले पीडब्ल्यूडी ने पेचवर्क कराया था। जहां सड़क खराब थी हॉटमिक्स से वहां पेचवर्क कराया गया था, जो नौ महीने भी नहीं चल सका।
एक दशक पहले अस्तित्व में आए मिनी बाइपास का निर्माण पीडब्ल्यूडी ने कराया था। इसके दो-तीन साल बाद सड़क में गड्ढे हुए तो पिछले साल पेचवर्क कराया गया। जहां सड़क खराब थी, वहां हॉटमिक्स से पेचवर्क कराकर उसे ठीक कराया गया। मिनी बाइपास पर मीहलालनगला गांव के पास एक किलोमीटर की सड़क पर तीनों मोड़ हैं। यहां पर दो महीने पहले ही गहरे गड्ढे हो गए थे। तीनों में से कोई मोड़ ऐसा नहीं है, जहां सड़क आधा मीटर भी ठीक हो।
गहरे गड्ढे हो जाने के बाद एक छोर की मिट्टी भी धंस गई। मिनी बाइपास से होकर कादरचौक और भदरौल मार्ग का रास्ता खराब होने से हाईवे की ओर आने-जाने वाले वाहन चालकों की दिक्कत भी बढ़ गई है। नगर निवासी ट्रक चालक नईम ने बताया कि तीनों मोड़ से होकर निकलते समय अनाज समेत अन्य सामान लदे वाहन एक ओर झुक जाते हैं। गड्ढायुक्त खस्ताहाल सड़क किसी भी दिन बड़े हादसे की वजह बन सकती है। गड्ढे व खराब सड़क के हाईवे की ओर आने- जाने वाले वाहनों को मुख्य बाजार से होकर निकलना पड़ता है।
मिनी बाइपास से जुड़े हैं इलाके के तीन दर्जन गांव
मिनी बाइपास के अस्तित्व में आने से पहले कादरचौक और उझानी ब्लॉक क्षेत्र के किसानों के अनाज लदे वाहन मंडी समिति तक मुख्य बाजार में होकर निकलते थे। बाजार में जाम से दिक्कत बढ़ी तो पीडब्ल्यूडी ने कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के सामने से चकरोड मार्ग को अधिग्रहित कर निर्माण कराया था।
इसके बाद मंडी तक अनाज लदे वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई। बरेली-मथुरा हाईवे से होकर जिन वाहनों को कादरचौक की तरफ जाना होता है, वह भी इसी मिनी बाइपास से होकर निकलते हैं। करीब तीन दर्जन गांवों के लोगों की आवाजाही भी इसी से जुड़ी है। इनमें बुर्रा फरीदपुर, फतेहपुर, नरऊ, खिरिया वाकरपुर, निजामपुर, रेवा के अलावा कादरचौक क्षेत्र के गांव भी शामिल हैं।
जरीफनगर में भी उधड़ी सड़क से गुजर रहे लोग
जरीफनगर। जरीफनगर से रसूलपुर कला होते हुए नाधा जाने वाले संपर्क मार्ग पर महावा नदी पुल के पास सड़क जर्जर हो चुकी है। बारिश के मौसम में सड़क पर जगह-जगह छोटे-बड़े गड्ढे हो गए थे। ग्रामीणाें का कहना है कि इससे कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है।
जरीफनगर नाधा मार्ग से इस्लामनगर, चंदौसी, सहसवान आदि आने के लिए संपर्क मार्ग है। इस मार्ग से रोजाना पांच हजार से ज्यादा राहगीरों के साथ दोपहिया-चार पहिया वाहन चालकों का अवागमन रहता है। बारिश के मौसम में जगह-जगह गड्ढे हो गए, जिससे सड़क जर्जर हो गई है। इन दिनों कोहरे के चलते सड़क से गुजरने वाले दोपहिया वाहन चालकों के साथ आए दिन हादसे हो रहे हैं। गांव के लोगों ने जिला प्रशासन के साथ ही संबंधित जिम्मेदारों से सड़क के निर्माण कराए जाने की मांग की है।
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