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मध्यमवर्ग करे पुकार आयकर दर में हो बदलाव

वर्तमान समय मे मध्यमवर्ग बहोत ही मुश्किल दौर से गुजर रहा है। एक तरफ महंगाई और दूसरी ओर आयकर की मायाजाल।

साथ ही साथ नयी और पुरानी व्यवस्था के चलते लोग परेसान है। जो पुरानी आयकर नीति में जुड़े है वो लोग आयकर धारा 80 सी और अन्य छूट प्राप्त कर सकते है। वही नयी आयकर व्यवस्था में सिर्फ नेशनल पेंशन स्कीम में छूट मिलती है।

दोनों व्यवस्था में अलग अलग दर होने से एक ही जैसी आय वाले व्यक्ति अलग अलग कर चुकाते है। जो ज्यादा कर चुकाता है उनकी क्रय क्षमता कम कर चुकाने वाले की तुलनामे कम है।

दूसरा महंगाई ने भी कमर तोड़ रखी है। जीवन जरुरी चीजों के दाम बढे है। शिक्षा और इलाज भी महंगा होता जा रहा है। एक मध्यमवर्गीय परिवार सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं ले सकता क्यूंकि उसकी आय कर पात्र है।

ऐसी कर प्रणाली देश की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है। अगर मध्यमवर्ग की क्रय क्षमता कम होगी तो उसका सीधा असर घरेलु उत्पादन पर पड़ेगा। दिसंबर के उद्योग उत्पाद सूचकांक में आयी गिरावट इसका ही नतीजा है।

सरकार को आयकर व्यवस्था में एक बहोत बड़ा बदलाव लाना होगा। एक सरल प्रणाली के तहत आयकर का सिर्फ एक ही दर हो। जिससे मध्यमवर्ग के पास ज्यादा पैसा भविष्य के लिए बचा सके और क्रय भी कर सके।



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