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दवनकरा समिति में 63 लाख रुपये की धान गड़बड़ी, दवनकरा समिति में 2032.40 क्विंटल की कालाबाजारी का खुलासा, 5100 अतिरिक्त बारदाने से कालाबाजारी का संदेह, सरकार को भारी आर्थिक नुकसान, किसानों के हक की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन की सख्त कार्रवाई जारी..

सूरजपुर _ कलेक्टर एस जयवर्धन के निर्देश पर जिले में धान खरीदी केंद्रों की गहन निगरानी और जांच की जा रही है। प्रशासन का उद्देश्य है किसानों को समय पर उनके धान का सही मूल्य देना और खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना। इसी क्रम में प्रतापपुर एसडीएम और राजस्व विभाग की टीम ने धान खरीदी केंद्र दवनकरा का निरीक्षण किया, जहां बड़ी अनियमितताएं सामने आईं।

दवनकरा केंद्र में अनियमितताएं उजागर

दवनकरा केंद्र के निरीक्षण के दौरान 16 स्टेक में 84228 बोरी धान (लगभग 33691.20 क्विंटल) का भौतिक सत्यापन किया गया। ऑनलाइन रिकॉर्ड की तुलना में 2032.40 क्विंटल धान की कमी पाई गई। यह धान लगभग 63 लाख रुपये के बराबर है, जिससे सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।

इसके अलावा, 5100 अतिरिक्त बारदाने पाए गए, जो खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी और संभावित कालाबाजारी की ओर इशारा करते हैं। इन अनियमितताओं की रिपोर्ट जिला खाद्य अधिकारी को भेज दी गई है।

दवनकरा समिति प्रबंधक पर गंभीर आरोप

समिति प्रबंधक पहले भी विवादों में रहा है। किसानों ने अवैध वसूली, बैंक खातों से फर्जी आहरण, और अन्य फर्जीवाड़े के आरोप लगाए हैं। प्रशासन इन मामलों की जांच में जुटा है। अब, ऑनलाइन और भौतिक सत्यापन में पाई गई विसंगतियों ने प्रबंधक की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

भैयाथान और सोनगरा में भी जांच जारी

भैयाथान एसडीएम ने धान उपार्जन केंद्र बतरा का निरीक्षण किया, जहां रजिस्टर और किसानों की उपस्थिति की जांच की गई।

सोनगरा केंद्र में राजस्व विभाग की टीम ने निरीक्षण किया और किसानों से उनकी धान बिक्री प्रक्रिया की पुष्टि की।

किसानों के पास रकबा समर्पण और धान की बिक्री को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई।

कलेक्टर एस जयवर्धन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि:

किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित हो। धान खरीदी में पारदर्शिता लाने के लिए समितियों की जवाबदेही तय हो। फर्जीवाड़े और कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।

ग्रामीण और किसान इस कार्रवाई से संतुष्ट दिख रहे हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन सक्रिय रहा, तो भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और किसानों का विश्वास बहाल होगा।

जिला खाद्य अधिकारी को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर दवनकरा समिति के प्रबंधक और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि किसानों के शोषण और खरीद प्रक्रिया में अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जिला प्रशासन का यह कदम किसानों के हित और खाद्यान्न खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। यदि इस अभियान को पूरी गंभीरता से जारी रखा गया, तो यह भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और किसानों को उनका हक दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा।

रिपोर्टर सूरजभान गुप्ता
मो.6267027638

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