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असम के चार गांव बाल विवाह मुक्त घोषित, बेटियों के अधिकारों की दिशा में बड़ी पहल


असम ने बाल विवाह उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। कछार जिले के चार गांवों को ‘बाल विवाह मुक्त’ घोषित किया गया है। यह सफलता ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ पहल (2023-24) के तहत हासिल की गई। इस उपलब्धि की सराहना मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा ने की, जिन्होंने इस सामाजिक कुरीति को समाप्त करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।मुख्यमंत्री ने कहा, "हम इस सामाजिक बुराई के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने की दिशा में काम कर रहे हैं।" उन्होंने बाल विवाह को लड़कियों के मौलिक अधिकारों से वंचित करने वाला बताया और इसे खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।

‘ बाल विवाह मुक्त’ घोषित किए गए चार गांव हैं:

1. रुकनी पार्ट IV, पलांगहाट विकास खंड
2. भैरवपुर पार्ट I, कलाईन विकास खंड
3. रोजेकांडी ग्रांट I, तपांग विकास खंड
4. रोजेकांडी ग्रांट II, तपांग विकास खंड

यह पहल सरकार के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें जागरूकता बढ़ाना, कानूनी प्रवर्तन को मजबूत करना और समुदायों को लड़कियों के अधिकारों की रक्षा में शामिल करना शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें भारत, विशेष रूप से असम में बाल विवाह की समस्या और लड़कियों के बेहतर भविष्य को सुरक्षित करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाया गया। इन गांवों का ‘बाल विवाह मुक्त’ घोषित होना न केवल असम सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि राज्य और देश के अन्य जिलों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण भी स्थापित करता है।

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