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Earthing या ग्राउंडिंग एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका हो सकता है सूजन को कम करने, दर्द को राहत देने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए।

अर्थिंग (या ग्राउंडिंग): शरीर और पृथ्वी के बीच एक प्राकृतिक संतुलन
अर्थिंग या ग्राउंडिंग एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें शरीर को सीधे पृथ्वी के संपर्क में लाया जाता है, जैसे नंगे पैर चलना, घास पर बैठना, या ग्राउंडिंग उपकरणों का उपयोग करना। इस प्रक्रिया के माध्यम से शरीर पृथ्वी के सतह पर मौजूद इलेक्ट्रॉनों के साथ संपर्क स्थापित करता है, जिससे शरीर के इलेक्ट्रिकल चार्ज को पृथ्वी के साथ संतुलित किया जा सकता है। यह प्रक्रिया न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अनेक लाभ प्रदान करती है।
सूजन को कम करने में अर्थिंग की भूमिका:
सूजन (inflammation) शरीर की एक सामान्य प्रतिक्रिया है, जो चोट या संक्रमण के दौरान होती है। हालांकि, जब यह सूजन क्रोनिक (दीर्घकालिक) रूप ले लेती है, तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे गठिया, दिल की बीमारियों, डायबिटीज़, और अन्य दर्द संबंधी विकारों का कारण बन सकती है। शोध बताते हैं कि अर्थिंग इस क्रोनिक सूजन को कम करने में प्रभावी हो सकती है।
सूजन (Inflammation): परिचय
सूजन (Inflammation) शरीर की एक प्राकृतिक और जटिल जैविक प्रक्रिया है, जो तब सक्रिय होती है जब शरीर को किसी चोट, संक्रमण, या किसी बाहरी कारक से नुकसान पहुँचता है। यह प्रक्रिया शरीर के इम्यून सिस्टम का एक हिस्सा है और इसका उद्देश्य क्षतिग्रस्त ऊतकों (tissues) को ठीक करना, संक्रमण से लड़ना, और शरीर को स्वास्थ्य की ओर वापस लाना होता है।
हालाँकि, जब सूजन नियंत्रण से बाहर हो जाती है या दीर्घकालिक (क्रोनिक) हो जाती है, तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

सूजन कैसे होती है
जब शरीर को किसी प्रकार का खतरा महसूस होता है, जैसे कि चोट, संक्रमण, या विषाक्त पदार्थों का प्रभाव, तो इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाता है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
प्रारंभिक प्रतिक्रिया:
क्षतिग्रस्त ऊतक या कोशिकाएँ रसायन जैसे साइटोकाइन (Cytokines) और हीस्टामाइन (Histamine) छोड़ती हैं।
ये रसायन रक्त वाहिकाओं को चौड़ा (dilate) करते हैं, जिससे प्रभावित क्षेत्र में अधिक रक्त पहुँचता है।
श्वेत रक्त कोशिकाओं का आगमन:
सफेद रक्त कोशिकाएँ (White Blood Cells) संक्रमण से लड़ने और क्षतिग्रस्त ऊतकों को ठीक करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में पहुँचती हैं।
प्लाज्मा और प्रोटीन का रिसाव:
रक्त वाहिकाओं से प्लाज्मा और प्रोटीन रिसकर प्रभावित क्षेत्र में पहुँचते हैं, जिससे सूजन होती है।
मरम्मत और पुनर्निर्माण:
क्षतिग्रस्त कोशिकाओं और ऊतकों की मरम्मत की जाती है।
संक्रमण समाप्त होने के बाद सूजन समाप्त हो जाती है।
2 Earthing और सूजन के बीच संबंध:
जब शरीर पृथ्वी से जुड़ता है, तो पृथ्वी से नकारात्मक आयन (electrons) शरीर में प्रवेश करते हैं। यह आयन शरीर में उपस्थित सकारात्मक आयनों को न्यूट्रलाइज (निष्क्रिय) करते हैं, जिससे शरीर की सूजन और तनाव कम होता है। पृथ्वी के संपर्क से मिलने वाले इन आयनों के कारण शरीर में सूजन, दर्द और ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) में कमी आती है।
Earthing पर शोध और प्रमाण
कई वैज्ञानिक अध्ययन और शोध ने Earthing के लाभों का समर्थन किया है, विशेष रूप से सूजन पर इसके प्रभाव के संबंध में।
2011 का अध्ययन (Journal of Inflammation Research)
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह पाया कि Earthing से शरीर में सूजन में कमी आती है और दर्द में सुधार होता है। अध्ययन में यह उल्लेख किया गया कि जो लोग नियमित रूप से पृथ्वी के संपर्क में थे, उनके शरीर में सूजन से संबंधित मार्कर (inflammatory markers) में कमी आई, और उनका दर्द भी कम हुआ।
2015 का अध्ययन (The Journal of Alternative and Complementary Medicine)
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह पाया कि जो लोग Earthing करते हैं, उनके शरीर में C-reactive protein (CRP), जो सूजन का एक प्रमुख संकेतक है, का स्तर कम हुआ। यह अध्ययन यह सुझाव देता है कि पृथ्वी से जुड़ने से शरीर में सूजन की प्रतिक्रिया को कम किया जा सकता है, जो कई पुरानी बीमारियों में पाया जाता है।

2020 का अध्ययन (European Journal of Inflammation)
यह अध्ययन विशेष रूप से पुरानी सूजन और दर्द पर था, जिसमें पाया गया कि Earthing से सूजन के प्रमुख सूचकांक जैसे IL-6 और TNF-α में काफी कमी आई। इन मार्करों का संबंध सूजन और सूजन से जुड़े रोगों से होता है। अध्ययन में यह पाया गया कि Earthing ने शरीर में सूजन को 20-30% तक कम कर दिया।

Earthing या ग्राउंडिंग एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका हो सकता है सूजन को कम करने, दर्द को राहत देने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए। हालांकि, इसका प्रभाव पूरी तरह से व्यक्तिगत हो सकता है, लेकिन वैज्ञानिक अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि यह प्रक्रिया सूजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, खासकर उन व्यक्तियों में जो पुरानी सूजन और दर्द से पीड़ित होते हैं।





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