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क्षयरोग मुक्त जनपद की मुहिम में शामिल हुआ लॉयनेस क्लब केपीएम चिकित्सालय में कुल 20 क्षयरोगियों को लिया गोद पोषण पोटली देने के साथ ही भावनात्मक सहयोग देने का किया वादा

क्षयरोग मुक्त जनपद की मुहिम में शामिल हुआ लॉयनेस क्लब

केपीएम चिकित्सालय में कुल 20 क्षयरोगियों को लिया गोद

पोषण पोटली देने के साथ ही भावनात्मक सहयोग देने का किया वादा

कानपुर नगर 21 दिसंबर 2024

क्षयरोग मुक्त जनपद की मुहिम में शामिल होकर लॉयनेस क्लब ने एक अच्छी पहल की है। जिला क्षयरोग अधिकारी के निर्देशन में शनिवार को केपीएम चिकित्सालय में लॉयनेस क्लब द्वारा कुल 20 क्षयरोगियों को गोद लिया गया। इस दौरान गोद लिये क्षयरोगियों को पोषण पोटली देने के साथ ही भावनात्मक सहयोग देने का भी वादा किया गया।

इस दौरान केपीएम चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरसी यादव ने कहा की यदि दो सप्ताह से ज्यादा खांसी हो, शाम के समय बुखार आये, लगातार वजन में कमी हो, रात में पसीना आये और शरीर के किसी भी अंग में दर्द हो, बलगम में खून आये तो यह टीबी हो सकती है। इसे नजरंदाज न करें और शीघ्र ही निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीबी की जांच और इलाज निशुल्क है।
डॉ यादव ने प्रधानमंत्री के इस अभियान को समर्थन देते हुए कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस अभियान में सहयोग करें और टीबी मुक्त देश के निर्माण में योगदान दें।

क्षयरोग विभाग के जिला कार्यक्रम समन्वयक राजीव सक्सेना ने टीबी के लक्षणों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टीबी को लेकर भ्रान्ति है कि यह लाइलाज है जबकि नियमित दवा और पौष्टिक व प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करने से यह बीमारी ठीक हो जाती है। इसी उद्देश्य के साथ निक्षय मित्र योजना शुरू की गयी है जिसके तहत व्यक्तिगत तौर से या कोई भी संस्थान टीबी मरीज को गोद लेकर इलाज के दौरान उन्हें पोषण सामग्री उपलब्ध करा सकता है।

साथ ही बताया कि टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। नियमित दवाओं और प्रोटीनयुक्त पौष्टिक भोजन के सेवन से यह बीमारी ठीक हो सकती है। इसी उद्देश्य से 'निक्षय मित्र योजना' की शुरुआत की गई है, जिसमें व्यक्तिगत तौर पर या कोई संस्था टीबी मरीजों को गोद ले सकती है और उन्हें इलाज के दौरान पोषण संबंधी सहायता प्रदान कर सकती है। इससे उन मरीजों को लाभ होता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और उनकी खाद्य आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पातीं। इसके अलावा, मरीजों को यह समर्थन मिलता है कि वे इस बीमारी से अकेले नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उनके साथ कोई है। उन्होंने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत, टीबी मरीजों को इलाज के दौरान 1,000 रूपये की धनराशि उनके खाते में भेजी जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाना है, और इसमें हर किसी की भूमिका महत्वपूर्ण है।

इस दौरान डॉ सर्वजीत, एसटीएस शाहीन, एसटीएलएस शाहिद, एसएम सुंग्निना, टीबीएचवी अमित सहित लॉयनेस क्लब से कीर्ति, कृष्णा व कविता और चिकित्सालय का अन्य स्टाफ उपस्थित रहा।

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