logo

दो प्रेरणा दायक शेर और एक गजल,भरोसा कैसे करूं यार अपने यारों पर, कि जाने कौन कहां रास्ता बदल जाये,यही मैं रब से दुआ करता हूं ऐ साकी,किसी तरह से मेरी बात अब संभल जाये..

आजकल याद कुछ और रहता नहीं,
ख्वाब दिल से तेरा मेरे जाता नहीं,
भूलने की भी कोशिश बहुत बार की,
नाम तेरा जेहन से निकलता नहीं,
साथ रहते हैं यादों के ये काफिले, तुझको सोचे बिना दिन गुजरता नहीं,
चाशनी तेरी उल्फत की दिल में घुली,
चाह मीठे की दिल और रखता नहीं, साथ तेरा सनम उम्र भर चाहिए, दिल किसी और को मेरा सुनता नहीं.
.धनेन्द्र कुमार मिश्र मुम्बई

40
603 views