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वन नेशन वन इलेक्शन देश के लिए होगा वरदान अरबों के राजस्व की होगी बचत अगर आप हैं इसके पक्ष में तो आप देशभक्त हैं और आप इस बिल के विरोध में हैं तो निःसंदेह आप गद्दार हैं

क्या आप " वन नेशन वन इलेक्शन " का समर्थन करते हैं?

१. हां
२. नही

कांग्रेस वन नेशन वन इलेक्शन के नाम पर देश का माहौल खराब करने का कोशिश कर रही है।

1952, 1957, 1962 और 1967 तक वन नेशन वन इलेक्शन हुआ था लेकिन लेडिज हिटलर इंदिरा गांधी की ज़िद की वजह से अलग अलग चुनाव होने लगा

लोकसभा और विधानसभा का अलग चुनाव होता है जिससे देश के अरबो रुपए का नुकसान होता है, इस नुकसान को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा बहुत ही सार्थक कदम उठाया गया है।

हम सभी को इसका समर्थन करना चाहिए

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