वन नेशन-वन इलेक्शन लोकतंत्र के लिए घातक - ओपी यादव
- बाबा साहब का अपमान - भारतीय संविधान का अपमान
- गृहमत्री अमित शाह को बर्खास्त किया जाय
- देश के उद्योगपति चला रहे हैं मोदी सरकार
- राजनैतिक दलों के इलोक्ट्रोल बांड पर रोक लगायी जाय
- चुनाव में निर्धारित खर्च से अधिक खर्च पर रोक लगायी जाय
रायबरेली, 19 दिसम्बर, 2024!
सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजवादी नेता ओपी यादव ने वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक को लोकतंत्र के लिए घातक बताया। 1952 से 1967 तक हुए लोक सभा व विधान सभा चुनाव का उदाहरण देने वाले यह भूल जाते हैं कि वह एक संयोग था न कि चुनाव की अनिवार्यता थी, यदि किसी कारण से कोई विधान सभा या लोक सभा भंग होती है तो शेष अवधि के लिए चुनाव कराना तो समय और पैसे दोनों की बर्बादी होगी। जब उ०प्र० ने उप चुनाव की तारीखें मौसम के कारण बदल जाती है। चुनाव सात-सात चरणों में कराये जाते हैं तो एैसी परिस्थितियों में वन नेशन-वन इलैक्शन कैसे सम्भव है। आज भाजपा सरकार को उद्योगपति चला रहे हैं। सरकार उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। एैसी परिस्थितियों में भाजपा तो एक साथ पूरे देश में चुनाव लड़ सकती है अन्य दलों के पास इतना पैसा कहाँ से आयेगा कि वह पूरे देश में एक साथ चुनाव लड़ सके। यह व्यवस्था क्षेत्रीय दलों को समाप्त करने की एक साजिश है। राजनैतिक दलों को मिलने वाले इलोक्ट्रोल बांड पर रोक लगायी जाय। मोदी सरकार ने ई.डी., सी.बी.आई., आई.टी. से दबाव बनाकर बदले में इलोक्ट्रोल बांड से पैसा लेकर देश की सबसे धनी पार्टी बन गयी है। चुनाव में निर्धारित धन से अधिक खर्च किए जाने पर लगायी जाय। लोकसभा में देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब का अपमान किया जाना देश के संविधान का अपमान है, इसके लिए गृहमंत्री को बर्खास्त किया जाय। भारतीय जनता पार्टी वन नेशन-वन इलेक्शन के नाम पर ख़तरनाक खेल खेलना चाह रही है। वन मैन पालिसी की ओर देश को ले जाना चाह रही है। भाजपा भूल चुकी है कि लोकतंत्र लोकलाज से चलता है। भाजपा को समझना चाहिए कि लोकसभा में 292 की एनडीए की संख्या वाले सदन में मात्र उसके पक्ष में 269 मत पड़ी, इससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि एनडीए की दीवार में दरार पड़ चुकी है। अब भाजपा के पास मस्जिद के नीचे क्या है, इसे खोजने के अलावा कोई जनता की समस्याओं से सरकार का कोई सरोकार नहीं रहा।