छात्रों से बालू चलवाने वाले प्रधानाध्यापक वशिष्ठ नारायण चौहान को बीएसए देवरिया ने किया निलंबित
♦खबर वायरल होने के बाद देवरिया जनपद के प्रशासनिक अधिकारियों ने लिया तत्काल संज्ञान, जांच कराकर किया कार्यवाही प्रधानाध्यापक वशिष्ठ नारायण चौहान को किया निलंबित।
👉सदर विकास खंड के कुशमौनी संविलियन प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक ने अपने ही छात्रों को बना दिया था मजदूर ,
♦नौनिहाल छात्रों का स्कूल परिसर में बालू चालते हुए विडियो हुआ था वायरल, जांच में सत्यता आया सामने।
👉खबर प्रकाश में आने के बाद देवरिया डीएम दिव्या मित्तल, सीडीओ प्रत्युष पाण्डेय समेत देवरिया के बेसिक शिक्षा अधिकारी शालिनी श्रीवास्तव ने लिया संज्ञान, खंड शिक्षा अधिकारी देवमुनि वर्मा को निर्देशित करते हुए विद्यालय का कराया जांच, जांच में हुई पुष्टि के बाद आज बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया।
✍️आप को बता दें की संविलियन विद्यालय कुशमौनी देवरिया के वायरल वीडियो के संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय पहुंचकर छात्रों की जानकारी ली गई तो पता चला की प्रथम छात्र समीर पुत्र सलीम अंसारी निवासी बरवाडीह कक्षा-8 तो वही दूसरा छात्र शाहरूख पुत्र सलीम अंसारी कक्षा-8 का ही छात्र था, बच्चों से पूछने पर उन्होंने यह बात बताया कि उक्त अध्यापक के कहने पर वे कार्य कर रहे थे।
♦जिसके बाद संबंधित छात्रों के बयान से यह स्पष्ट होता है कि छात्रों द्वारा किया गया कृत्य प्रधानाध्यापक के कहने पर किया गया है, जो वायरल वीडियों की पुष्टि करता है।
👉विद्यालय के प्रधानाध्यापक वशिष्ठ नारायण चौहान के इस कृत्य से बेसिक शिक्षा विभाग समेत जनपद की छवि धूमिल हुई है जो इनके दायित्वों/कर्तव्यों की घोर अवहेलना है, इसके साथ ही उक्त कृत्य निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 एवं बाल श्रम निषेध अधिनियम-1986 की मूल भावना के सर्वदा विपरीत है।
♦बच्चों द्वारा ऐसे कृत्य उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 का घोर उल्लंघन है एवं इनके कार्य अत्यन्त ही निन्दनीय है।" इस सम्बन्ध में खण्ड शिक्षा अधिकारी देवरिया सदर द्वारा प्रधानाध्यापक वशिष्ठ नारायण चौहान, संविलियन विद्यालय कुशमौनी देवरिया के विरूद्ध जांच की अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु अपना आख्या बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौप दिया।
👉विद्यालय परिसर में छात्रों से बाल मजदूरी करवाया जाना अत्यन्त ही संवेदनशील प्रकरण है, जो प्रधानाध्यापक वशिष्ठ नारायण चौहान को सौंपे गये कार्यों एवं पदीय दायित्वों के निर्वहन में की गयी घोर लापरवाही एवं विभागीय आदेशों / निर्देशों की अवहेलना को प्रदर्शित करता है। उक्त कृत्य निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 एवं बाल श्रम निषेध अधिनियम 1986 की मूल भावना के सर्वथा विपरीत होने के कारण किसी भी दशा में स्वीकार्य योग्य नहीं है। उक्त कृत्य की प्रथम दृष्टया पुष्टि होने के कारण अध्यापक सेवा नियमावली एवं उ०प्र० सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली में निहित प्राविधानों के तहत वशिष्ठ नारायण चौहान, के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने का पर्याप्त आधार होने के नाते आज संविलियन विद्यालय कुशमीनी, देवरिया को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता गया है तथा निलम्बन अवधि में ब्लाक संसाधन केन्द्र देवरिया सदर पर राम्बद्ध किया गया है।