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नासिक मे बौद्ध धम्मगुरू भदंत आर्यनाग थेरो का निर्वाण हुआ

नाशिक समाचार बौद्ध धम्मगुरू भदंत आर्यनाग थेरो इनका निर्वाण हुआ उम्र के 8,वर्ष मे ही उन्होंने परिव्रजा लेकर भिक्खु का जिवन व्यतीत कर दिया था। बच्चपन से ही हर कार्य मे अग्रेसर रहते थे नाशिक ही नही बल्की पुरे महाराष्ट्रा मे उन्हों ने बौद्ध धम्म का प्रसार किया उनका शिवाजी महाराज,फुले ,शाहु,आंबेडकर,और अनेक संतो के विचारो का भी अभ्यास करके समाज को सच्चाई का रास्ता दिखाकर उनके जिवन के राह पर चलने के लिए अपने प्रवचन मे कहते थे। सर्व समाज मे इनकी अलग ही एक पहचान बनी थी। ऐसे भदंत जी का निर्वाण होना ओ भी तरुण उम्र मे एक साधारण बात नही है।ऐसे बौद्ध धम्मगुरू फिर से मिलना बहुत ही बडी भाग्य की बात है।ऐसा उनके पुण्यानोमोदन मे नाशिकत्रिरश्मी लेणी बुद्ध समारक मे श्रदांजली सुमन अर्पित करते हुए दायक प्रकाश लोंढेजी ने कहा और दाणीताई ने भी भदंत आर्यनाग थेरोजी श्रदांजली पर अपने विचार रखे इस श्रदांजली मे महाराष्ट्र के सभी बौद्ध धम्म गुरू उपस्थित थे और भदंत आर्यनाग के भाई बहन माता भी उनके पुण्यनोमोदन के कार्यक्रम मे उपस्थित थे। इस श्रदांजली कार्यक्रम मे बौद्ध उपासक और उपासिका और सभी वर्ग लोग आहे थे।
सभी लोगो ने बौद्ध धम्म गुरू उचित दान दे पुण्य संपादन किया । इस मे नाशिक शांतीदुत चॅरीटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष भदंत सुगत,के आर लामा,संबोधी शांतीरत्न और भदंत नागधम्मो और कही बौद्ध धम्म गुरू उपस्थित थे।
नाशिक से समाचार शशिकांत भालेराव आॅल इंडीया मिडीया नाशिक

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