पार्वती जी ने शंकरजी का गोपियों के रुप का श्रृंगार किया।श्रद्धेय डां प्रभु दयाल जी गौतम
कटनी जिले के बरही तहसील के ग्राम नदावन में अशोक कुमार पाण्डेय के यहां भागवत कथा के षष्टम दिन में श्रद्धेय डॉ प्रभु जी ने बताया कि भगवान के महारास में जाने के लिए पार्वती जी ने शंकरजी को गोपियों के रुप में श्रृंगार किया। कंस नेअक्रूर को कृष्ण बलराम को धनुषयज्ञ के लिए लेने के लिए वृन्दावन भेजा। भगवान ने हाथी के दोनों दांतों को तोड़कर मल्लयुद्ध शाला में जाकर कंस का वध किया। श्रद्धेय प्रभु जी ने बताया कि कंस के मृत्यु का समाचार सुनकर जरासंध ने मथुरा में आक्रमण कर दिया। भगवान ने खेल ही खेल में सेना सहित खदेड़ कर दिया। भगवान ने उद्धव जी को प्रेम को पुष्ट करने के लिये नंदबाबा के घर भेजे। रुक्मणी विवाह का मार्मिक प्रसंग बताये।