
पांच एकड़ जमीन और 10 करोड़ फंड से खोल सकते हैं निजी विश्वविद्यालय
पांच एकड़ जमीन और 10 करोड़ फंड से खोल सकते हैं निजी विश्वविद्यालय
रांची, झारखंड: झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने झारखंड निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2024 को मंजूरी दे दी है। इस अधिनियम के तहत राज्य में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना और संचालन के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। इससे पहले निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना मॉडल गाइडलाइंस के तहत होती थी, जिसे अब इस अधिनियम से बदल दिया गया है।
अधिनियम की मुख्य विशेषताएं:
1. भूमि की आवश्यकता:
नगर निगम क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए कम से कम 5 एकड़ भूमि आवश्यक होगी।
नगर निगम क्षेत्र के बाहर विश्वविद्यालय के लिए न्यूनतम 15 एकड़ भूमि अनिवार्य होगी।
2. आर्थिक प्रावधान:
नगर निगम क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए 10 करोड़ रुपये का स्थायी फंड जरूरी होगा।
नगर निगम क्षेत्र के बाहर के लिए यह राशि 7 करोड़ रुपये तय की गई है।
3. अनिवार्य सुविधाएं:
निजी विश्वविद्यालयों को लाइब्रेरी, लैब, खेल सुविधाएं, प्रशिक्षण केंद्र और प्रशासनिक भवन समेत कुल 12 बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी होंगी।
4. आवेदन प्रक्रिया:
विश्वविद्यालय खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जिसकी फीस 1 लाख रुपये तय की गई है।
आवेदन की जांच स्थानीय विधायक, सांसद और विशेषज्ञों की समिति द्वारा की जाएगी।
पुराने विश्वविद्यालयों पर प्रभाव
अधिनियम के लागू होते ही पुराने मॉडल गाइडलाइंस के तहत संचालित 19 निजी विश्वविद्यालयों की स्वीकृति रद्द कर दी गई है। इन विश्वविद्यालयों को नई शर्तें पूरी कर फिर से स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।
नियामक व्यवस्था
निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना और संचालन की निगरानी के लिए उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की जाएगी। इस समिति में राजस्व, वित्त, कानून विभागों के अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।
झारखंड निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2024 से राज्य में निजी विश्वविद्यालयों के संचालन में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित होने की उम्मीद है।