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23 साल के रोहित ने क्रिकेट के जूनून में 8वीं की पढ़ाई छोडी:17 साल बाद रणजी ट्रॉफी में किया डेब्यू

जामताड़ा। युवा क्रिकेट खिलाड़ी 23 वर्षीय रोहित कुमार पर वर्ष 2007 में एमएस धोनी और सचिन तेंदुलकर की क्रिकेट में प्रदर्शन की वानगी इस कदर छायी की उसने कक्षा 8 की पढ़ाई छोड़ सबकुछ क्रिकेट को ही सौंप दिया।

क्रिकेट के प्रति रोहित के जूनून को देखकर माता पिता ने भी उसका साथ दिया। रोहित का चयन बंगाल रणजी ट्रॉफी में हुआ है। भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ी मोहम्मद शमी ने रणजी ट्रॉफी में पदार्पण करने वाले खिलाड़ी रोहित को डेब्यू कैप देकर हौसला बढ़ाया है।
रोहित में क्रिकेट के प्रति जुनून और दीवानगी को देख कर पिता चिरेकाकर्मी इंदर कुमार व माता सुजाता ने हर कदम पर उसका सहयोग किया। पिता ने सैलरी के आधे रूपये रोहित के क्रिकेट कीट और प्रैक्टिस में खर्च दिए।

बेटे रोहित के सपने को पंख देने के लिए अपनी कमाई का आधा पैसा क्रिकेट किट मुहैया कराने में लगा दिया और आधी कमाई को घर परिवार पर खर्च किया। जो जिंदगी के कई थपेड़े खाते हुए यहां पहुंचा है। रोहित का सामना रणजी ट्रॉफी का पहला प्रैक्टिस मैच चैंपियन मध्यप्रदेश से हुआ। जिसमें रोहित ने दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज के रूप में चयनकर्ताओं के उम्मीद पर खरा उतरते हुए, रणजी ट्रॉफी के पहले प्रैक्टिस मैच में चार दिग्गज खिलाड़ियों को आउट किया।

संडे क्रिकेट एकेडमी में रोहित ने क्रिकेट का ककहरा सीखा:

चित्तरंजन के संडे क्रिकेट एकेडमी में क्रिकेट का ककहरा सीख रहे छह फुट लंबे रोहित के जोश, प्रतिभा और जुनून को देखते हुए क्रिकेट खिलाड़ी कोच संजय दुबे और राजीव दत्ता ने इस क्रिकेटर को तराशा और रोहित अपने प्रतिभा के बल पर रणजी ट्रॉफी में जगह बनाने में सफल रहा।

रोहित बताते हैं कि रणजी ट्रॉफी के प्रैक्टिस मैच के आईपीएल में पंजाब से ओपनिंग करने वाले बैट्समैन हरमन प्रीत सिंह भाटिया को सबसे पहले अपनी गेंद का शिकार बनाया। आईपीएल और भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन बल्लेबाज वेंकटेश अय्यर को भी आउट कर रणजी ट्रॉफी में अपना लोहा मनवाया। रोहित आज बंगाल रणजी टीम का अग्रणी गेंदबाज है। रोहित के अनुसार क्रिकेट लाल गेंद (टेस्ट क्रिकेट)से शुरू हुआ और अब सफ़ेद गेंद(वन डे)पर आ पहुंचा है। लेकिन लाल गेंद के बिना क्रिकेट अधूरा सा लगता है भले ही सफ़ेद गेंद के जरिये कई खिलाडी अपना भविष्य संवार रहे है। रोहित बताते है कि क्रिकेट प्रैक्टिस के चलते समयाभाव के कारण पढ़ाई छोड़ दी लेकिन अब ऑनलाइन करेस्पोंडेंट कोर्स के जरिये पढ़ाई और क्रिकेट जारी रखूंगा।

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