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*पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती रिजल्ट का विरोध:* आरपीएससी पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने अधिकारों के हनन का लगाया आरोप
अभी हाल ही में राजस्थान की बड़ी चर्चित 900 पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती 2019 के परिणाम में आरक्षण के तमाम नियमों को ताक पर रख कर आरपीएससी दारा मनमानी करते हुए आरक्षित वर्ग (PH,ST,SC,MBC, EWS,ex service man आदि) के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर दिया गया । विज्ञापन में जारी आरक्षित वर्गो की पूरी सीटें आरक्षित वर्गो से ही नही भरी गई है। बल्कि एससी, एसटी वर्ग में 45%और ओबीसी ईडब्ल्यूएस एमबीसी में 50% मिनिमम मार्क्स (उपयुक्त नहीं,) का कहते हुए तमाम आरक्षित वर्गो के अभ्यर्थी उपलब्ध होते हुए भी एससी एसटी का बैकलॉग और एमबीसी, ईडब्ल्यूएस, की 20 व 21 ,सीटें व पीएच कोटे की 46सीटें जनरल प्रक्रिया से भर दी गई। इससे तमाम आरक्षित वर्गो में सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है। आरपीएससी की मनमानी आरक्षित वर्गो पर भारी पड़ रही है। विकलांग पशु चिकित्सक की 47 सीटें आरक्षित होते हुए भी केवल एक विकलांग अभ्यर्थी का ही चयन किया गया है विकलांग कोटे की 46 सीटें जनरल प्रक्रिया से भर दी गई है सरकार की आरक्षण की मूलभवाना का ही हनन किया गया। इसको लेकर पीड़ितों ने आज पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत से मिलकर विकलांग, एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, एमबीसी के अभ्यर्थियों ने मंत्री जी मिलकर निवेदन किया कि जब पशुपालन सेवा नियमों, नोटिफिकेशन में कहीं पर भी मिनिमम मार्क्स का नियम लागू नहीं था। सभी कैटेगरी की अन्तिम सीट भरने तक कट ऑफ जानी चाहिए थी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, पशुपालन मंत्री जी ने 900 पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती में किसी भी कैटेगरी के साथ अन्याय नहीं किया जायेगा, जल्द ही कुछ करने का आश्वासन दिया है सभी आरक्षित वर्गो की एक ही आवाज है कि 900 पशु चिकित्सक भर्ती का आरपीएससी पुन परिणाम घोषित कर ईडब्ल्यूएस एमबीसी एसटी एससी विकलांग पशु चिकित्सक की सीटें उनके कोटे से ही भरे ना कि जनरल प्रक्रिया से।