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कानून का नहीं है ज्ञान -जिम्मेदार कौन ?
ग्वालियर- ग्वालियर हाई कोर्ट खंडपीठ की एकल पीठ ने मंगलवार को मुरार थाना क्षेत्र के याचिकाकर्ता के द्वारा लगाई याचिका में, खनन विभाग के द्वारा उसकी जे.सी.बी एंव उस पर तकरीबन 80 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया था । याचिका की सुनवाई करते हुये ग्वालियर के खनन अधिकारी की हाईकोर्ट के द्वारा खूब जमकर फटकार लगाई, हाई कोर्ट ने अपना रोष जताते हुये खनन अधिकारी से पूछा की आपने किस अधिकार और किस कानून के तहत उक्त जे.बी.सी को जप्त किया। जिस पर खनन अधिकारी अपना केाई जबाब नही दें पाये । तथा सुनवाई के दौरान ही हाईकोर्ट में ही अधिकारी से माईनिंग एक्ट पडने के लिये कहा । इससे यह स्पष्ट होता कि अधिकारी को खनन कानून का ज्ञान नहीं है केवल अपने पद आसीन रहकर अपनी मर्जी से कार्यवाही करते है । कानून के मुताविक कार्यवाही नहीं करते है । यदि खनन विभाग के द्वारा सही मापदण्डो के अनुसार कानून के मुताविक कार्यवाही की जाये तो निश्चित ही अवैध खनन करोवार पर रोक लगाई जा सकती है ।
कलेक्टर को नोटिस
उक्त कार्यवाही में जब शासन का पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओ से हाईकोर्ट ने प्रश्न किये तो वह भी कोई जबाब नही दे सके । आखिरकार हाई कोेर्ट ने अपना रोष व्यक्त करते हुये जिला कलेक्टर को नोटिस जारी करते हुये उनसे पक्ष मांगा है।
कानून का नहीं है ज्ञान -जिम्मेदार कौन ?
कानून का ज्ञान न होना , जिम्मेदार अधिकारियो की इस प्रकार की कार्यवाही, अपने आप में ही विचारणीय बिन्दू है । किस कानून के तहत कार्यवाही करनी, खनन कानून किस प्रकार का जुमाने का प्रावधान है । कानून का ज्ञान नहीं होने से की गई कार्यवाही से याचिकाकर्ता को कितनी मानसिक पीड़ा एंव आर्थिक परेशानी का सामना करना पडा होगा । जिसका जिम्मेदार कौन है, जिन्हे कानून का ज्ञान नहीं है या फिर जो कानून के तहत कार्य करना पंसद नही करते ऐसे अधिकारियो पर के विरूद्ध सख्त कार्यवाही होनी चाहिये ।
खनन विभाग के अधिकारी अपने लाभ एंव अपनी मर्जी से ही करते है कार्यवाही ।
खनन विभाग के अधिकारियो पर भी पूर्व में कई बार गंभीर आरोप लग चुके है जिसमें एक मामला में एक खनिज अधिकारी को दूसरे जिले मे अटैच भी किया था । खनिज विभाग के अधिकारियो का आलम यह है विगत समय पूर्व में एक पकडे गये डम्फर को जप्ति के वाद उसकी रॉयल्टी जारी कर दी थी खनिज विभाग की मनमानी जारी है । जहंा कार्यवाही करनी होती है वहा विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है केवल अपनी मार्जी से कार्यवाही की जाती है ।