सम्भल विवाद की असली जड़ asi
संभल मस्जिद मामले में एक बात अच्छे से समझ लीजिए!
यहां पर उपासना स्थल अधिनियम 1991 के उल्लंघन से ज्यादा इस बात को मुखर हो कर उठाने की जरूरत है कि अधिकतर यह मंदिर मस्जिद और खुदाई वाली थ्योरी उन जगहों पर ही बताई जा रही है जो इमारतें ऐतिहासिक धरोहर के तौर पर ASI के कंट्रोल में है।
और ASI ने इन्हीं इमारतों में मुसलमानों के धार्मिक स्थल मस्जिदों को अपनी सुविधा के अनुसार अधिकतर जगहों पर बंद कर दिया है।
उसने इन मस्जिदों की बेहुरमती के लिए टूरिस्टों के लिए तो खोल रखा है मगर आपको नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं है।
बात चाहे आप दिल्ली में पुराने किले की करिए, लोधी गार्डन के अंदर की मस्जिद की बात करिए या फिर हुमायूं टोम्ब के अंदर की मस्जिद की बात करें!
ऐसी सैंकड़ों मिसालें मौजूद हैं जहां पर ASI अपनी बदमाशी से इन चीजों को धूर्तता से अंजाम दे रहा है।
संभल जामा मस्जिद के मामले में भी ASI ही सबसे बड़ी कड़ी है। जामा मस्जिद का आधिकारिक कंट्रोल ASI के ही पास है इसलिए वहां पर सर्वे होना नहीं होना सब उनके कंट्रोल में है
Mirza